न ई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में आज यूपी के गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर की जांच अदालत की देखरेख में कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई। इस जनहित याचिका पर सुनवाई पर यूपी की योगी सरकार दोबारा जांच समिति बनाने के लिए तैयार है। इस जनहित याचिका की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई। सुनवाईमे सुप्रीम कोर्ट ने ंयूपी सरकार को एक पूर्व न्यायाधीश और सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी को जांच समिति में शामिल करने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट नेगैंगस्टर विकास दुबे और उसके साथियों के एनकाउंटर की जांच अदालत की निगरानी मेंकराने की मांग वाली जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि राज्य सरकार को राज्य मे कानून का शासन बरकरार रखना होगा। उन्होंनेसमिति के लिए किसी सुप्रीम कोर्ट के किसी सिटिंग जज को देनेसे इनकार किया। कोर्ट ने केहा कि हम जांच समिति का हिस्सा बनने के लिए शीर्ष अदालत के किसी सिटिंग जज (आसीन न्यायाधीश) को नहीं दे सकते हैं। मुख्य न्यायाधीश ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि यह केवल एक मुठभेड़ का मामला नहीं है बल्कि ये पूरी प्रणाली पर सवालिया निशान है। यूपी सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया है कि वह विकास दुबे मुठभेड़ मामले की जांच के लिए समिति का पुनर्गठन करने के लिए तैयार है। सरकार ने अदालत को बताया कि वो 22 जुलाई तक पूछताछ पैनल में सुझाए गए परिवर्तनों के संबंध में मसौदा अधिसूचना तैयार करेगी।