Gaganyaan Mission Update: तकनीकी खराबी ठीक करने के बाद गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट की सफल उड़ान

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Gaganyaan Mission Update
तकनीकी खराबी को ठीक कर इसरो के गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट की उड़ान सफल

Aaj Samaj (आज समाज), Gaganyaan Mission Update, नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गगनयान मिशन के तहत पहले मानव रहित उड़ान परीक्षण में आई तकनीकी खराबी को ठीक कर आज सुबह 10 बजे इसे सफलतापूर्वक लॉन्च कर एक बार फिर इतिहास रच दिया है। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने सफल लॉन्चिंग की पुष्टि की। उन्होंने कहा, मुझे टीवी-डी1 मिशन की सफल उपलब्धि की घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है। इस मिशन का उद्देश्य एक परीक्षण वाहन के माध्यम से गगनयान कार्यक्रम के लिए चालक दल को ले जाने की प्रणाली का प्रदर्शन करना था।

समुद्र में बेहतर तरीके से काम पूरा किया: सोमनाथ

सोमनाथ ने यह भी बताया कि यह क्रू मॉड्यूल एक मैक तक चला गया, जो ध्वनि की गति से थोड़ा ऊपर है और क्रू एस्केप सिस्टम के काम करने के लिए एक निरस्त स्थिति की शुुरुआत की। क्रू एस्केप सिस्टम ने क्रू मॉड्यूल को वाहन से दूर ले लिया और बाद में टच-डाउन सहित संचालन किया। इसके बाद इसने समुद्र में बेहतर तरीके से काम पूरा किया और हमारे पास इस सबकी पुष्टि के लिए डेटा उपलब्ध है।

लॉन्च को रोकने के कारण की पहचान कर ठीक कर लिया गया

इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में बताया कि गगनयान के टीवी-डी1 लॉन्च को रोकने के कारण की पहचान करके उसे ठीक कर लिया गया। बता दें कि मिशन को आज सुबह आठ बजे लॉन्च करने की तैयारी थी। क्रू मॉड्यूल (जिसमें अंतरिक्ष यात्री सवार होंगे) और चालक बचाव प्रणाली से लैस रॉकेट को श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र के पहले प्रक्षेपण तल से रवाना किया जाना था। हालांकि फिर परीक्षण यान डी1 मिशन के तहत लॉन्च पैड से प्रक्षेपण के समय में बदलाव कर इसे सुबह साढ़े आठ बजे कर दिया गया। समय में बदलाव किए जाने का कारण के बारे आधिकारिक रूप से तो कोई जानकारी नहीं दी गई, लेकिन सूत्रों ने बताया कि बारिश और बादल छाए रहने के कारण ऐसा किया गया होगा।

सुरक्षा मानकों का अध्ययन करना भी मकसद

परीक्षण यान मिशन का मकसद गगनयान मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर वापस लाने के लिए क्रू मॉड्यूल और चालक बचाव प्रणाली के सुरक्षा मानकों का अध्ययन करना है। गगनयान मिशन का लक्ष्य 2025 में तीन दिवसीय मिशन के तहत मनुष्यों को 400 किमी की ऊंचाई पर पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना व उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है। इस क्रू मॉड्यूल के साथ परीक्षण यान मिशन पूरे गगनयान कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

बड़ी संख्या में छात्र बने गवाह

गगनयान मिशन के तहत पहली परीक्षण उड़ान (टीवी-डी1 फ्लाइट टेस्ट) की लॉन्चिंग देखने के लिए श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन केंद्र में सुबह से ही दर्शक दीर्घा में बड़ी संख्या में छात्र मौजूद रहे। इसरो ने शुक्रवार को अपनी वेबसाइट पर जानकारी दी थी कि 21 अक्टूबर सुबह आठ बजे टीवी-डी1- परीक्षण उड़ान को प्रक्षेपित करने के लिए उल्टी गिनती शुक्रवार शाम सात बजे शुरू हो गई है।

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