कुरुक्षेत्र। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. कैलाश चंद्र शर्मा ने कहा कि भावी पत्रकारों को सत्य, विवेक, विधि व सामाजिक सरोकारों की पत्रकारिता करनी चाहिए। पत्रकार जब अपना लक्ष्य बड़ा रखेंगे व सर्वहित को ध्यान में रखकार पत्रकारिता करेंगे तो वह समाज के लिए उपयोगी साबित होगी। उन्होंने कहा कि जब पत्रकारों का आधार मजबूत होगा और वे सत्य के साथ समाज में पत्रकारिता करेंगे तो इससे निश्चित रूप से पत्रकारिता की विश्वसनीयता बढ़ेगी। वे गुरुवार को कुवि के फैकल्टी लॉज में जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान एवं विश्व संवाद केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में मीडिया कौशल अवसर और चुनौतियां विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला में संबोधित कर रहे थे। कुलपति ने कहा कि पत्रकारिता एक महान क्षेत्र है। इस क्षेत्र में आने वाले लोगों को इसे गंभीरता से लेना चाहिए, चूंकि कलम व कैमरे से निकली एक सूचना लोगों के जीवन पर सीधा प्रभाव डालती है। उन्होंने कहा कि भावी पत्रकारों को उद्योग में जाने से पूर्व उपयुक्त कौशल होना जरूरी है लेकिन साथ-साथ देश व समाज के लिए संवेदनशीलता भी आवश्यक है। वर्तमान समय तकनीक का समय है, जिसने पत्रकारिता को एक नया आयाम दिया है, लेकिन पत्रकारिता को एक आम पेशा समझना वर्तमान समय की सबसे बड़ी भूल है और समाज में हो रहे दुष्परिणामों का बड़ा कारण है। उन्होंने कहा कि दो लोगों के संवाद को एक जन माध्यम देना बिना किसी नकारात्मक पहलू को जोड़े ही बताना असली पत्रकारिता है।
वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में पहुंचे गुरुग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मार्कण्डेय आहुजा ने कहा कि पत्रकार समाज में एक चिकित्सक की भूमिका निभाता है। इस चिकित्सा में उनका कोई स्वयं का भाव नहीं होता है, बल्कि सेवा भाव ही सर्वोपरि रहता है। उन्होंने कहा कि भावी पत्रकारों को स्वयं के कौशल पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि वह स्वयं के बनाए कौशल से सामाजिक कौशल की तरफ आगे बढ़ सकें। जनसंचार एवं मीडिया प्रोद्योगिकी संस्थान की निदेशिका प्रोफेसर बिंदु शर्मा ने अपने स्वागत भाषण में कार्यशाला में पहुँचे मीडिया प्रोफेशनल, पत्रकारों, प्राध्यापकों, विद्यार्थियों को कहा कि इस दो दिवसीय कार्यशाला से मीडिया इंडस्ट्री, मीडिया आचार संहिता, मीडिया वेल्यू, मीडिया का सामाजिक सरोकार, मीडिया में बेहतर करियर एवं चुनौतियां, मीडिया लेखन, डिजिटल मीडिया की बेहतर समझ और उसमें बेहतर विकल्प की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा होगी।
इस अवसर प्राध्यापिका डॉ. मधुदीपसिंह, रोमा सिंह, डॉ बंसीलाल, डॉ. तपेशकिरण, डॉ. रोशन मस्ताना, डॉ. प्रदीप राय, सचिन वर्मा, अभिनव कटारिया, राकेश कुमार, राहुल अरोड़ा, सुनिता, रितु, अर्पणा एवं शोधार्थी गण एवं विद्यार्थिगण उपस्थित रहे। इस दो दिवसीय संयुक्त कार्यशाला में मीडिया पाठ्यक्रम से संबंधित कॉलेजों के प्राध्यापक एवं विद्यार्थिगण भाग ले रहे हैं।
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