प्रभजीत सिंह (लक्की) यमुनानगर। महाराजा अग्रसेन की जीवनी हरियाणा सरकार के पाठ्यक्रम से हटा दी गई। जो बड़ी शर्म की बात है। समाज के लम्बे संघर्ष के बाद 2011 मे हरियाणा की मौलिक शिक्षा पाचवीं कक्षा की हिन्दी की पुस्तक मे पाठ 11पर जीवनी को स्थान मिला। परन्तु अब जीवनी को हटा दिया गया। समाजवाद के सबसे अग्रर्णी जिन्होंने संसार को समाजवाद सिखाया जिनकी राजधानी हरियाणा मे अग्रोहा थी उनके राज्य मे किसी भी जाती का आकर रहना चाहता था उसे हर परिवार एक रुपया एक ईंट देता था जिससे वो अपना मकान और व्यापार करता था। अहिंसा के पुजारी जिन्होंने पशु बलि के खिलाफ होकर क्षत्रिय से वैश्य वर्ण धारण कर लिया। कुरुक्षेत्र मे हुये महाभारत के युद्ध मे अपने पिता सहित युद्ध किया। महाराजा अग्रसेन का राज्य मे समस्त हरियाणा सम्मलित रहा।
अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन के जिलाध्यक्ष आशीष मित्तल, महासचिव विनोद जिन्दल, कोषाध्यक्ष अश्वनी अग्रवाल, युवा महासचिव मोहित गर्ग, अखिल भारतीय उद्योग व्यापार सुरक्षा मंच के प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल, अग्रवाल वैश्य समाज के प्रदेश सह सचिव पंकज मित्तल, अग्रवाल युवा मंच के प्रधान राजेंद्र गोयल, अग्रवाल सभा के संरक्षक रामरतन गुप्ता, हनुमान सेवा समिति के उपाध्यक्ष संदीप राय, उद्योग व्यापार मंडल हरियाणा के प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव गुप्ता, रामलीला भवन के महासचिव रोहित गर्ग, शारदा रामलीला के पूर्व प्रधान ललित गुप्ता, विश्वकर्मा रामलीला के प्रधान रामकुमार गर्ग, जगाधरी करियाना ऐसोसिएशन के प्रधान साधुराम मित्तल, सर्व कल्याण कामना सभा के महासचिव नवीन गर्ग, अग्रवाल महिला संगठन की प्रधान पूनम अग्रवाल, ह्यूमन राइट्स हरियाणा की प्रदेश अध्यक्ष रक्षा मित्तल, मातृशक्ति की जिला संयोजिका सुनीता गुप्ता, सर्व कल्याण कामना सभा की उपाध्यक्ष डिम्पल मित्तल इत्यादि ने महाराजा अग्रसेन की जीवनी को दुबारा हरियाणा पाठ्यक्रम मे स्थान देने के लिये सरकार से गुजारिश की। जिला प्रधान आशीष मित्तल ने बताया कि समाज का प्रतिनिधिमंडल विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री , शिक्षामंत्री से मिलकर निवेदन करेंगे कि शीघ्रातिशीघ्र महाराजा अग्रसेन की जीवनी अवश्य ही पाठ्यक्रम मे वापिस शामिल की जाय। बडी शर्म की बात हैं पुस्तकों मे भारत पर अतिक्रमण करने वाले अतिक्रमणकारियों को पढाया जा रहा है।