इशिका ठाकुर,करनाल:
कौन पूछता है पिंजरे में बंद पंक्षियों को, याद वही आते है जो उड़ जाते है ! इस वाकये को सिद्ध कर दिखया है करनाल की एक संस्था ने जो कि बेजुबान पक्षियों का नि:शुल्क इलाज करते है । बिना किसी के सहयोग से ।
मोबाइल टावर के कारण बेजुबानो की हो रही मौत
बेजुबान पक्षियों के लिए हानिकारक पतंगो के मांझे में उलझकर घायल हो जाते है पक्षी, चाइनीज मांझे व् बढ़ते मोबाइल टावर के कारण बेजुबानो की हो रही मौत, जीवो मंगलम संस्था बनी बेजुबनाओ पक्षियों के लिए दवाखाना । इस संस्था द्वारा किया जाता है बेजुबान पक्षियों का इलाज पिछले 20 वर्षों से कर रहे है ! पूरे हरियाणा का मात्र एक हॉस्पिटल जहाँ पर होता है बेजुबान पक्षियों का इलाज, बिना किसी के संयोग
वही पंजाब के बरनाला में जीवो मंगलम की दूसरी ब्रांच भी खुलने जा रही है ! हमारे यहां पर दूर -दूर से लोग पक्षियों को छोड़ कर जाते है ! और उनका यहा पर निशुल्क इलाज किया जाता है ! फिलाल हमारे यहाँ पर इलाज के लिए एक उल्लू आया हुआ है जिसके पँख खरब है और वो उड़ भी नही सकता , इसी के साथ कुछ कबूतर भी जिनको लखवा हो गया है और वे आसमान में उड़ भी नही सकते उनका इलाज भी चल रहा है । और जब ये ठीक हो जाते है तो उनको उड़ने के लिए मुक्त गगन में छोड़ दिया जाता है ।
साध्वी की तरफ से संदेश ज्यादा से ज्यादा लगाये पेड़ – पौधे
आसमान की उचाई नापने वाले बेजुबान आज मरने की कदार पर है कुछ तो चाईनिज मांझे की मेहरबानी तो कुछ बढ़ते मोबाइल टावर की । जी हां बात सच्ची अगर यकीन ना हो तो तस्वीरे देख लीजिये कैसे खुले आसमान में जीने वाले आज घुट- घुटकर डर डर कर जी रहे है इन्हें डर है कही अगर यह बाहर निकले तो किसी पतंग के मांझे में उलझ ना जाए अगर उलझ गए तो उनका वह से छुड़ पाना काफी मुश्किल है ! कुछ पक्षियों की तो मौत भी हो जाती है । बेजुबान पक्षी कबूतर तोता कौआ व् अन्य और इनके मरने की वजह है चाइनिज मांझा और बढ़ते मोबाइल टावरो की जरूरत इंसान ने आज अपने सुख के लिए इनसे इनके घर छीन लिए है जिस कारण आज यह बेसहारा है ना रहने का पता ना खाने का पता जिस कारण कई पक्षियों की मौत हो जाती है ! हमारे यहाँ पर लगातार पक्षियों का इलाज होता है । हमारे यहाँ पर हर रोज डॉक्टर आते है और निशुल्क इलाज प्रदान किया जाता है ! सभी प्रकार के हमारे यहाँ पर पक्षी आते है , यहा पर बटेर,कबूतर,छोटी घुगी,तोते,और लव बर्ड्स और उल्लू है इसी प्रकार से पक्षी हमारे यहाँ पर आते है ! हमारे यहाँ पर दूर -दूर से लोग आते है ! पंजाब ,उत्तरप्रदेश ,हरियाणा से लोग आते है । साध्वी की तरफ से संदेश भी दिया गया कि हमे जायद से ज्यादा पेड़ पौधे लगाने चाहिए।
कई प्रकार की बीमारियों का प्रकोप
संस्था की देखबाल करने वाली सादवी का कहना है की आज इंसान ने अपने सुख के लिए सब कुछ बदल दिया पेड़ काटे दिए है जिनसे बेजुबानो का आशियाना इनसे छीन गए है कुछ पेड़ बचे है तो वहा यह बैठ नही सकते क्यूंकि बढ़ते मोबाइल टावर के कारन इन पक्षियों को परेशानियो का सामना करना पड रहा है । कई प्रकार की बीमारियों के प्रकोप में यह आ रहे है इसमें एक बीमारी तो कैंसर की है इंसानों को तो होता ही है कैंसर लेकिन पक्षियों को भी होता है इनके उड़ने की शमता पर असर पड़ता है जिस कारण यह बेजुबान मजबूर है इधर उधर भटकने को । और सबके प्रति करुणा का भाव रखना चाहिए।
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