Fraud In The Name Of Sending Abroad : विदेश भेजने के नाम पर ठगी व मानव तस्करी मामले में गिरोह के तीसरे आरोपी को कैथल जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आई पानीपत पुलिस

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Fraud In The Name Of Sending Abroad

Aaj Samaj (आज समाज),Fraud In The Name Of Sending Abroad, पानीपत : थाना सदर पुलिस ने विदेश भेजने के नाम पर ठगी व मानव तस्करी मामले में गिरोह के तीसरे आरोपी तरसेम को शुक्रवार को कैथल जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लाकर मामले में गिरफ्तार किया। आरोपी ने पुलिस पूछताछ में मामले में पहले गिरफ्तार हो चुके अपने साथी आरोपी फुल सिह निवासी डेरा मुनक करनाल व प्रेम कुमार निवासी रसीन कैथल के साथ मिलकर उक्त वारदात को अंजाम देने बारे स्वीकारा। पूछताछ के बाद पुलिस ने आरोपी तरसेम पुत्र गिरधारी लाल निवासी रसीन को शुक्रवार को माननीय न्यायालय में पेश किया जहा से उसे न्यायिक हिरासत जेल भेजा गया।

 

थाना सदर प्रभारी इंस्पेक्टर जगजीत सिंह ने बताया कि डेरा सिंगपुरा सिठाना निवासी बीरचंद पुत्र मालकचंद ने थाना सदर में शिकायत देकर बताया था कि उसका छोटा बेटा 25 वर्षीय राजकुमार विदेश जाना चाहता था। इस बारे गांव मूनक निवासी पवन पुत्र इंद्रराम व लेखराज पुत्र केवल राम से उसकी बात हुई। दोनों ने राजकुमार को 20 दिन में इटली भेजने के नाम पर बेटे का पासपोर्ट व 14 लाख रूपए नकद लिए थे। दोनों ने बताया था कि उनकी कैथल निवासी प्रेम कुमार से बात हो गई है, वह राजकुमार को सही तरीके से इटली भेजेगें। तीनों के कहने पर 24 मार्च को राजकुमार सामान पैक कर व जरूरी दस्तावेज लेकर अमृतसर एयरपोर्ट पर पहुंच गया। वहा जाने पर तीनों ने आश्वासन देते हुए कहा कि फ्लाईट पहले दुबई जाएगी वहा से सीधा इटली भेज देंगे।

 

तीनों ने 28 मार्च को बेटे राजकुमार को दुबई भेज दिया। वहा जाने पर एजेंट ने बेटे को दूसरे रास्ते से ले जाने के लिए बताया। उन्होंने इसके लिए मना कर दिया। वह अपने बेटे को डोंकी के रास्ते विदेश नही भेजना चाहता था। 9 जून के बाद से उसकी बेटे से कोई बात नही हो पा रही। बेटे राजकुमार को कोई पता नही चल रहा है। उसने तीनों एजेंटो से बात की तो कहने लगे आपका बेटा ठीक है। काफी समय बीत जाने के बाद तीनों डराने धमकाने लगे। उसको पता चला है कि उक्त गिरोह मानव तस्करी का काम भी करता है। मेरा बेटा भी इनकी चपेट में आ गया है। शिकायत पर नामजद आरोपियों के खिलाफ थाना सदर में धोखाधड़ी व इमीग्रेशन एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी थी। दर्ज मामले मे जांच के बाद आईपीसी की धारा 370 इजाद की गई।

 

इंस्पेक्टर जगजीत सिंह ने बताया कि थाना सदर पुलिस ने मामले में नामजद आरोपी फुल सिंह उर्फ पवन कुमार को 2 नवम्बर को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में आरोपी ने नामजद साथी आरोपी लेखराज व कैथल के रसीन गांव के प्रेम कुमार के साथ मिलकर वारदात को अंजाम देने बारे स्वीकारा था। आरोपी फुल सिंह ने पूछताछ में बताया था कि उसके हिस्से में 50 हजार रूपए आए थे। पुलिस ने आरोपी फुल सिंह के कब्जे से बचे 38 हजार रूपए बरामद कर उसे माननीय न्यायालय में पेश किया था जहा से उसे न्यायिक हिरासत जेल दिया था। इसके बाद पुलिस ने दूसरे आरोपी प्रेम कुमार को 15 नवम्बर को कैथल जेल से प्रोडक्शन वारंट लाकर माननीय न्यायालय से एक दिन के पुलिस रिमांड पर हासिल कर पूछताछ की थी। पूछताछ में आरोपी ने मामले में नामजद साथी आरोपियों के अतिरिक्त अपने गांव निवासी साथी आरोपी तरसेम के साथ मिलकर उक्त वारदात को अंजाम देने बारे स्वीकारा था। रिमांड अवधी पूरी होने पर पुलिस ने आरोपी प्रेम कुमार को माननीय न्यायालय में पेश कर वहा से उसे न्यायिक हिरासत जेल भेजने के बाद अन्य आरोपियों की धरपकड़ के प्रयास शुरू कर दिए थे। आरोपी तरसेम ठगी के अन्य मामले में कैथल जेल में बंद था।

 

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