इशिका ठाकुर,करनाल:
नीट में बेहतर रैंक लाने वाले विद्यार्थी को हरियाणा के मेडिकल कालेजों दस लाख रुपये देने के विरोध में प्रदर्शन का चौथा दिन कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कालेज के स्टूडेंट्स ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए प्रदेश सरकार से नई नीति को रद्द करने की मांग की। आरोप है कि हरियाणा के सरकारी मेडिकल कालेजाें में अधिक फीस के कारण स्टूडेंट्स दूसरे राज्यों में दाखिला लेना पसंद कर रहे हैं जिसके चलते यहां की सीटें खाली रह गई हैं।
रोष जता रहे स्टूडेंट्स का कहना
50 हजार रुपये की जगह दस लाख रुपये जमा करवाने होंगे, रोष जता रहे स्टूडेंट्स का कहना है कि वर्ष-2020 में दाखिले के दौरान सालाना 50 हजार रुपये फीस जमा करवानी होती थी। इसके अलावा सात साल नौकरी करने या 40 लाख रुपये जमा करवाने का शपथ पत्र दिया गया था।
वर्ष-2021 में सत्र में भी नौकरी की सिक्योरिटी मेडिकल स्टूडेंट को नहीं दी गई। वर्ष-2022 में नई पॉलिसी के तहत स्टूडेंट्स से दस लाख रुपये जमा करवाने के लिए कहा गया है और शपथ पत्र में लिख कर देना होगा कि वे इस पालिसी को कोर्ट में चुनौती भी नहीं दे सकते हैं। 15 दिन में स्वजनों के लिए दस लाख रुपये जमा करवाना मुश्किल है।
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