नई दिल्ली। पाकिस्तान में सैन्य शासन लगाने वाले पाकिस्तान के आर्मी चीफ और पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को आज इस्लामाबाद की विशेष अदालत ने फांसी की सजा सुनाई। यह पाकिस्तान के इतिहास में पहला मामला है जब पाकिस्तान के किसी आर्मी चीफ को सिविलीयन कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है। परवेज मुशर्रफ को देशद्रोह के मामले में सजा सुनाई गई है। फिलहाल परवेज मुशर्रफ दुबई में अपने इलाज के लिए रह रहें हैं। मार्च 2016 से वह बाहर है जिसकी वजह से उन्हें भगौड़ा घोषित किया गया है। उन पर आपातकाल लगाने का आरोप था। आपको बता दें कि मार्च 2016 से मुशर्रफ इलाज कराने के लिए दुबंई में रह रहे है और तभी से उन्हें इस मामले में भगोड़ा घोषित कर दिया गया था। गौरतलब है कि मुशर्रफ ने नवंबर 2009 में पाकिस्तान में आपातकाल लगाया था। इसके बाद नवाज शरीफ की सरकार ने 2013 में मुशर्रफ के खिलाफ केस दर्ज किया था। मुशर्रफ के वकीलों ने शनिवार को याचिका दायर की जिसमें लाहौर हाईकोर्ट से कहा था कि विशेष अदालत में सुनवाई पर तब तक रोक लगाई जाए जब तक कि हाईकोर्ट पहले से लंबित याचिका पर फैसला न दे दे। मुशर्रफ की याचिका पर अदालत ने संघीय सरकार को नोटिस जारी किया था। अदालत ने इस याचिका पर भी मुख्य याचिका के साथ ही सुनवाई का फैसला किया था। वही मुशर्रफ ने फैसले पर ट्वीट कर कहा कि उनका पक्ष सुने बिना फैसला दिया गया है।