Former Minister Professor Ram Bilas Sharma : महर्षि वाल्मीकि संस्कृत भाषा के पितामाह थे : प्रो. रामबिलास शर्मा

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महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन करते पूर्व मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा।
महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन करते पूर्व मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा।
  • महर्षि वाल्मीकि ने पवित्र रामायण की रचना कर मानवजाति के लिए धर्म का किया मार्ग प्रशस्त

Aaj Samaj (आज समाज),Former Minister Professor Ram Bilas Sharma,नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़ : महर्षि वाल्मीकि संस्कृत भाषा के पितामाह थे, जिन्होंने बुराई पर नेकी की जीत का संदेश अपने महान ग्रंथ श्री रामायण के जरिए दिया। उन्होंने समाज से भेदभाव को दूर करने के लिए भी प्रेरित किया और सभी को आपस में मिलजुल कर रहने की प्रेरणा दी। उनके जीवन से प्रेरणा लेकर हमें समाज की भलाई के काम करने चाहिएं। यह विचार पूर्व शिक्षा मंत्री प्रोफेसर रामबिलास शर्मा ने मोहल्ला वाल्मीकि में भगवान महर्षि वाल्मीकि के प्रकटोत्सव पर व्यक्त किए।

इस मौके पर पूर्व मंत्री प्रोफेसर रामबिलास शर्मा ने समाज के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि महर्षि वाल्मीकि जी ने पवित्र रामायण की रचना कर पूरी मानवजाति के कल्याण के लिए धर्म का मार्ग प्रशस्त किया। समरसता व सद्भाव के प्रतीक महर्षि वाल्मीकि जी की शिक्षा व विचार हमें एक समृद्ध व गौरवशाली समाज की रचना करने की प्रेरणा देते हैं। इस दौरान समाज द्वार शहर में शोभायात्रा निकाली गई, जिसकी सभी दर्शकों ने प्रशंसा की।

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