नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से केंद्र सरकार ने आर्टिकल-370 हटाने के पहले वहां के कई नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था। इसी संदर्भ में नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) प्रमुख फारूख अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला को भी पीएसए के तहत नजरबंद किया गया था। सात महीने बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख उमर अब्दुल्ला को रिहा किया। अपनी आजादी के बाद वह अपने बेटे उमर अब्दुल्ला से मिलने पहुंचे। पूर्व मुख्य मंत्री फारूख जनसुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत अपनी हिरासत खत्म होने के बाद शुक्रवार अपने आवास से नजदीक में ही हरि निवास पहुंचे जहां उनके बेटे तथा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को पीएसए के तहत पांच फरवरी से नजरबंद करके रखा गया है। इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने एक दूसरे को गले लगाया। बता दें कि अधिकारियों के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से अपने बेटे उमर अब्दुल्ला से मिलने का अनुरोध किया था। जिसे प्रशासन ने स्वीकार कर लिया। अधिकारियों ने कहा कि दोनों की मुलाकात करीब एक घंटे चली। सात महीने बाद मिली अपनी आजादी पर अब्दुल्ला बोले कि मेरी आजादी अधूरी है। जब तक उमर अब्दुला, महबूबा मुफ्ती और अन्य नेताओं को भी आजाद नहीं कर दिया जाता तब तक मेरी आजादी पूरी नहीं है।
केंद्र शासित क्षेत्र के गृह सचिव शालीन काबरा के आदेश के मुताबिक श्रीनगर के जिलाधिकारी द्वारा 15 सितम्बर को जारी पीएसए और फिर 13 दिसम्बर को इसकी अवधि तीन महीने के लिए बढ़ाए जाने को समाप्त कर दिया गया है। अब्दुल्ला को पीएसए के तहत हिरासत में लिया गया था। जिलाधिकारी शाहिद इकबाल चौधरी अब्दुल्ला के आवास पर गए और रिहाई का आदेश उन्हें सौंपा। उन्होंने अपनी आजादी के बाद कहा कि कि मैं हर उस व्यक्ति का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने हमारे लिए प्रार्थनाए कीं….शेष लोगों के रिहा होने तक मैं किसी राजनीतिक मामले पर बात नहीं करूंगा। रिहाई के बाद अब्दुल्ला डल झील के किनारे बनी अपने पिता शेख अब्दुल्ला की कब्र पर गए और वहां कुछ देर ठहरे। इस दौरान उन्होंने काला कुर्ता पहना हुआ था और पारंपरिक काराकुली टोपी पहनी थी। इसके अलावा आंखों पर काला चश्मा था। उनकी पत्नी मौली अब्दुल्ला, बेटी सफिया और पौत्र अदीम सहित परिवार के अन्य सदस्य उनके साथ थे।