पवन शर्मा, भिवानी :
गुरुवार को पूर्व सीपीएस रामकिशन फौजी ने बवानीखेड़ा हलके के करीब एक दर्जन से ज्यादा गांवों में खेतों में जमा बारिश का पानी जायजा लिया। किसानों के खेतों में बर्बाद फसलों का निरीक्षण किया। इस दौरान किसानों से भी फसलों की विशेष गिरदावरी के बारे में भी बातचीत की। किसानों का तर्क था कि बारिश से उनकी फसल पूरी तरह से तबाह हो गई है। अभी तक सरकार की तरफ से भी उनकी फसलों की विशेष गिरदावरी नहीं हो पाई है। जिससे उनको मुआवजा मिल सके। उन्होंने सरकार से बर्बाद फसलों का 50 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए। साथ ही बारिश के पानी से जिन लोगों के मकान गिरे है। उनको भी उचित मुआवजा दिया जाए। श्री फौजी गुरुवार को अनेक गांवों का दौरा करने के बाद एकत्रित लोगों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार से बर्बाद फसलों की विशेष गिरदावरी करवाने की बजाए आपदा घोषित करके किसानों को बर्बाद फसलों का उचित मुआवजा दिया जाए। ताकि किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत किया जा सके। उन्होंने बताया कि हलके अनेक गांवों में अभी तक फसलों में दो से ढाई फुट तक बारिश का पानी जमा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों की फसलों में जमा बारिश के पानी की निकासी की कोई व्यवस्था न करने की वजह से फसल पानी में खड़ी गलने लगी है। सबसे ज्यादा बुरा असर कपास, ज्वार व बाजरे की फसल पर पड़ा है। उन्होंने सरकार के बाजरे की सरकारी खरीद कराए जाने की मांग की। साथ ही सरकार ने बाजरे को भावातंर योजना में शामिल करके मात्र 600 रुपये दिए जाने के फैसले को नाकाफी बताया। सरकार किसानों को पैसे न देकर उनकी बाजरे की फसल को सरकारी भाव पर खरीदने की मांग की।
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