- शिक्षक राष्ट्र के भविष्य निर्माता : मनोहर लाल
Aaj Samaj (आज समाज), Former Chief Minister Manohar Lal ,प्रवीण वालिया, करनाल: पूर्व मुख्यमंत्री एवं करनाल लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी मनोहर लाल ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र के भविष्य निर्माता हैं। शिक्षक के सक्रिय सहयोग के बिना किसी भी राष्ट्र का पुनर्निर्माण संभव नहीं है। शिक्षक सामाजिक परिवर्तन और सामुदायिक विकास के उत्प्रेरक हैं।
वे छात्रों को सामाजिक चुनौतियों का समाधान करने, विकास और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए ज्ञान और कौशल के साथ सशक्त बनाते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा प्रत्याशी मनोहर लाल डा. मंगलसैन सभागार में सहोदया स्कूल कॉम्पलेक्स द्वारा आयोजित शिक्षक संगोष्ठी में पहुंचे और शिक्षकों से संवाद किया।
पिछले साढ़े 9 वर्षो में शिक्षा के क्षेत्र में बहुत परिवर्तन आया
मनोहर लाल ने कहा कि शिक्षा रोजगार परक हो, सरकार ने ऐसे प्रावधान किए हैं। बच्चों के लिए प्ले वे स्कूलों को बाल वाटिका बनाया गया है। यहां बच्चे खेल-खेल में पढऩा सीखेंगे। सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए कई सकारात्मक कदम उठाए हैं जिसके परिणाम स्वरूप पिछले साढ़े 9 वर्षो में शिक्षा के क्षेत्र में बहुत परिवर्तन आया है। उन्होंने कहा कि देश को आगे ले जाने के लिए लोकसभा चुनाव में अब शिक्षक भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं और नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने में सहयोग करें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक जो विकसित भारत का संकल्प लिया है उसमें सभी की भागीदारी आवश्यक है। मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा की सभी 10 सीटों पर कमल खिलेगा और उप चुनाव में नायब सिंह सैनी की भी एक बड़ी जीत होगी।
इस अवसर पर विधायक हरविंद्र कल्याण, भाजपा जिलाध्यक्ष योगेंद्र राणा, निवर्तमान मेयर रेनूबाला गुप्ता, सहोदय स्कूल कॉम्पलेक्स के अध्यक्ष राजन कुमार लांबा, कुलजिन्द्र मोहन सिंह बाठ सहित काफी संख्या में शिक्षक मौजूद रहे।
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि कुछ लोगों का कहना है कि शिक्षकों से संवाद करना आचार संहिता का उल्लंघन है। आचार संंहिता का उल्लंघन तब होता है जब किसी को लुभाने के लिए कुछ दे दिया जाए और दिया तब जाता है जब कोई मांग करता है। किसी से भी बात कर सकते हैं। हम चुनाव आयोग से भी बात कर सकते हैं। हम सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों से भी बात कर सकते हैं। समाज के किसी वर्ग से बातचीत करना आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है। किसी भी वर्ग से सामान्य से लेकर विशेष तक बातचीत करने में मनाही नहीं है।