- सरकार ने बाढ़ के वक्त मुआवजे के लिए और खरीद के वक्त एमएसपी के लिए तरसाया : हुड्डा
- प्राइवेट एजेंसियों को लाभ पहुंचाने व बाजार में फसल का रेट गिराने के लिए जानबूझकर देरी से खरीद शुरू करती है सरकार : हुड्डा
- पोर्टल की वकालत करने वाले मंडियों में जाकर किसानों से करे बात, तब पता चलेगी सच्चाई: हुड्डा
- अन्नदाता की अनदेखी बीजेपी-जेजेपी को पड़ेगी भारी: हुड्डा
Aaj Samaj (आज समाज),Former Chief Minister Bhupendra Singh Hooda,पानीपत: बीजेपी-जेजेपी सरकार द्वारा चलाए गए ‘मेरी फसल, मेरा ब्यौरा’ जैसे पोर्टल ने किसान, मजदूर, आढ़ती समेत हर वर्ग को बर्बादी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। इस सरकार में ना किसानों को एमएसपी मिल रही, ना मुआवजा, ना खाद और ना दवाई। ये कहना है पानीपत मंडी में आए किसान, मजदूर और आढ़तियों का। यह लोग पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सामने समस्याओं को रख रहे थे। हुड्डा मंडी में धान और बाजार खरीद का जायजा लेने पहुंचे थे। इस मौके पर उन्होंने सभी की समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को उनके निवारण के निर्देश दिए।
पोर्टल नहीं चलने का बहाना बनाकर किसानों को परेशान किया गया
इस मौके पर उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार हमेशा की तरह फसल व किसान की बेकद्री कर रही है। कई-कई दिनों इंतजार के बावजूद मंडी में खरीद नहीं हो रही। कांग्रेस ने बार-बार सरकार से जल्द खरीद शुरू करने की मांग की थी। बावजूद इसके सरकार ने 15 दिन देरी से खरीद शुरू करने का ऐलान किया। लेकिन उसके बाद पोर्टल नहीं चलने का बहाना बनाकर किसानों को परेशान किया गया।
सरकार द्वारा ना सुचारू रूप से खरीद की जा रही है और ना ही उठान
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया कि कांग्रेस कार्यकाल के दौरान फसल मंडी में आते ही सरकारी खरीद शुरू कर दी जाती थी। इसके चलते प्राइवेट एजेंसियों को भी एमएसपी से ऊंचे रेट पर खरीद करनी पड़ती थी और बाजार में फसल का रेट बढ़ता था। इसके विपरीत मौजूदा सरकार जानबूझकर खरीद में देरी करती है ताकि बाजार में फसल के रेट गिर जाएं और प्राइवेट खरीदारों को सस्ते रेट में फसल मिले व किसानों को घाटा हो। इसीलिए आज आलम यह है कि प्रदेश भर की मंडियां धान और बाजरे से अटी पड़ी है। लेकिन सरकार द्वारा ना सुचारू रूप से खरीद की जा रही है और ना ही उठान। इस वजह से किसानों की पेमेंट में भी देरी हो रही है।
कांग्रेस सरकार बनने पर जनता को परेशान करने वाले तमाम गैर-जरूरी पोर्टल्स को खत्म किया जाएगा
हुड्डा ने कहा कि सरकार के लोग अक्सर पोर्टलों की वकालत करते हैं। उन्हें अब मंडियों में जाकर पोर्टल की वजह से परेशान हो रहे किसानों से मिलना चाहिए। तभी उन्हें इन पोर्टल की सच्चाई पता चलेगी। क्योंकि ये पोर्टल किसान को एमएसपी और मुआवजे से वंचित करने का जरिए बनकर रह गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा ही डिजिटाइजेशन की शुरुआत की गई थी। लेकिन इसका मकसद गैर-जरूरी लंबी-लंबी कतारों को खत्म करके जनता को ऑनलाइन सहूलियत उपलब्ध करवाना था। लेकिन बीजेपी-जेजेपी दुनिया के इतिहास की पहली ऐसी सरकार है जो कतारों को और लंबा करने के लिए पोर्टल और डिजिटाइजेशन का इस्तेमाल कर रही है। इसलिए कांग्रेस सरकार बनने पर जनता को परेशान करने वाले तमाम गैर-जरूरी पोर्टल्स को खत्म किया जाएगा। पोर्टल और डिजिटलाइजेशन का इस्तेमाल जनता के काम को आसान बनाने और उन्हें घर बैठे सेवाएं देने के लिए ही होगा।
अन्नदाता की यह अनदेखी बीजेपी-जेजेपी को भारी पड़ेगी
हुड्डा से बातचीत में किसानों ने कांग्रेस राज को याद किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल के दौरान किसानों को कभी अपनी फसल बेचने के लिए इस तरह लंबा इंतजार नहीं करना पड़ता था। उसी वक्त नारा लगाता था ‘कांग्रेस तेरे राज में जीरे गई जहाज में’ यानी उस वक्त किसानों को जीरे के ऊंचे रेट मिलते थे। आज एमएसपी से भी कम रेट पर अपनी फसल बेचनी पड़ती है। नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि उन्होंने पिछले दिनों आई बाढ़ के वक्त भी पूरे हरियाणा का दौरा किया था। उस वक्त किसान जल-निकासी और मुआवजे को लेकर परेशान थे। लेकिन सरकार ने तब भी किसानों की हालत पर कोई ध्यान नहीं दिया। आज किसान एमएसपी के लिए परेशान हैं और आज भी सरकार किसानों को नजरअंदाज कर रही। अन्नदाता की यह अनदेखी बीजेपी-जेजेपी को भारी पड़ेगी।