सीबीआई के पूर्व निदेशक अश्वनी कुमार अपने शिमला स्थित घर पर फांसी के फंदे पर लटकते मिले थे। उन्होंने हाई प्रोफाइल आरुषि हत्याकांड की जांच की थी। हिमाचल प्रदेश के डीजीपी संजय कुंडू ने जानकारी दी कि उन्होंनेअपनी बीमारी और विकलांगता के कारण अपनी जीवन लीला समाप्त की। बता दें कि अश्विनी कुमार 1973 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। उन्होंने बुधवार शाम छोटा शिमला के पास ब्रोकहॉर्स्ट स्थित आवास पर कथित आत्महत्या की। मीडिया से बातचीत में डीजीपी ने कहा, ‘हमें एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि वह अपनी मर्जी से बीमारी और विकलांगता के कारण अपना जीवन समाप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी आत्मा एक नई यात्रा पर जा रही है और किसी को दुखी होने की आवश्यकता नही। उन्होंने यह भी कहा कि उनके मरने पर कोई अनुष्ठान या समारोह नहीं हो। डीजीपी नेबताया कि सीबीआई के पूर्व डायरेक्टर के बेटेने उन्हे शाम सात बजे ं अपने कमरे में लटके हुए पाया था। वह हर दिन शाम 7 बजे के आसपास ध्यान लगाते थे और सभी दरवाजे खुले रखते थे। आज लगभग 7.00 बजे जब उनका बेटा और बहू टहलने जा रहे थे, तो उन्होंने अटारी के सभी दरवाजों को बंद पाया। जब दरवाजा तोड़ा गया तो कुमार को वहां रस्सी से लटका पाया। उन्होंने उसे नीचे लाने के लिए रस्सी काट दी।