आज समाज डिजिटल, Former Cabinet Minister Venod Sharma on India News Haryana Manch : इंडिया न्यूज हरियाणा के मंच पर आज प्रदेश की सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष के तमाम बड़े चेहरे मौजूद रहे। जैसे जैसे कार्यक्रम बढ़ता गया, इस मंच पर और भी बड़े चेहरे और दिग्गज नेता भी जुड़ते रहे। इसी कड़ी में अब हरियाणा के बेहद खास और पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हरियाण जनचेतना वी पार्टी के अध्यक्ष पंडित विनोद शर्मा जी पहुंचे, जहां मंच पर पहुंचते ही तालियों से पूरा हॉल गूंज उठा और गर्मजोशी के साथ विनोद शर्मा जी का स्वागत किया गया।
आप सभी जानते ही होंगे कि हरियाणा की राजनीति में विनोद शर्मा जी का काफी महत्वपूर्ण योगदान है। हरियाणा की सियासत में एक धाकड़, मजबूत और दमदार नेता के तौर पर विनोद शर्मा जी की गिनती होती है।
पंडित विनोद शर्मा जी से पूछा गया कि हरियाणा की राजनीति में कुछ समय पहले एक चमत्कार हुआ कि एक सज्जन जिनके पास खुद की एक वोट भी नहीं थी और वो हरियाणा से राज्यसभा के उम्मीदवार बने और निर्दलीय उम्मीदवार होते हुए भी चुनाव जीते। वे आपके पुत्र है कार्तिक जी। ये चमत्कार कैसे हुआ?
इस पर पंडित विनोद शर्मा जी ने कहा कि ये चमत्कार तो नहीं है। कार्तिक शर्मा ने भले ही एक निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था। परंतु दूसरी पार्टियाें ने जिनमें भाजपा, जेजेपी दोनों का समर्थन हासिल था। दूसरी तरफ कांग्रेस का उम्मीदवार था। कांग्रेस के 31 विधायक थे और हम सब जानते हैं कि राज्यसभा में जो मेंबर चुनकर जाता है उसका कार्य अपनी स्टेट का प्रतिनिधित्व करना होता है।
उसका कार्य ये होता है कि अपने प्रदेश के मुद्दों को लेकर वो राज्यसभा में उठाए। लेकिन जाे दूसरा उम्मीदवार था, वाे न तो हरियाणा का था और न ही हरियाणा के मुद्दों को समझ सकता था। इस वजह से शायद उसको कामयाबी नहीं मिली। लेकिन ये एक अहम बात है कि इस चुनाव में जितनी भी राजनीतिक पार्टियां थी उन सबका वोट कार्तिक को मिला। जजपा का, इनेलो का, भाजपा के एमएलए, निर्दलीय सारे एमएलए आदि और कांग्रेस का वोट भी मिला। जिन लोगों ने कार्तिक पर अपना विश्वास प्रकट किया है, उस पर कार्तिक को पूरी तरह खरा उतरना चाहिए।
कार्तिक की जीत पर पूरी तरह आश्वस्त था
एक और प्रश्न के जवाब में विनोद शर्मा जी ने कहा कि मैं पूरी तरह से आश्वस्त था कि हम जीत जाएंगे। इसी धारणा के साथ कार्तिक ने अपने नामांकन पत्र भरे और जितने एमएलए की जरूरत थी, उन्होंने कार्तिक को प्रपोस किया। और मुझे पूरा विश्वास था कि ये गलत फैसला जो हुआ कांग्रेस की तरफ से, उसका खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ेगा और कार्तिक ही जीतेंगे।
पंडित विनोद शर्मा जी से पूछा गया कि आप हमेशा गरीबों की आवाज उठाते रहे हैं। एक अहम मुद्दा था कि ब्राह्मण समेत कई अन्य जातियों के लिए आपने आर्थिक आधार पर आरक्षण था और उस मुद्दे को अंजाम तक पहुंचाया। अब इसकी क्या स्थिति है, इस पर विनोद शर्मा जी ने कहा कि हमें इसको गहराई से समझना पड़ेगा। समय बदल रहा है। गरीबी रेखा के नीचे बहुत से ऐसे लोग हैं जो सामान्य वर्ग के साथ संबंधित है। उनका कोई कसूर नहीं है।
उनके परिवार में जमीन नहीं है। उनके परिवार में कोई खेती नहीं है। कोई घर में बच्चा सरकारी नौकरी में नहीं है। घर में खाने के साधन नहीं है जिससे परिवार अपना पालन कर सके। ऐसी स्थिति में सरकार का फर्ज बनता है कि उनके बारे में भी सोचा जाएं ताकि उनको नौकरी मिल सके। इसी को सामने रखते हुए ये मुहिम चलाई गई थी।
ये किसी एक समाज के लिए नहीं, इसमें कई समाज के उन व्यक्तियों के लिए जो कमजोर है या कमजोर से भी कमजोर है, उनके बारे में सोचा गया कि उनके घर में भी मौका मिलना चाहिए कि उनके परिवार के बीच में आरक्षण होना चाहिए जिससे उनके बच्चों को नौकरी मिल सके और ऐसा हुआ। 10 प्रतिशत आरक्षण मिला, हजारों बच्चों को नौकरियां मिली। और वो बहुत से प्रोसेस से निकला।
लेकिन एक बात मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि पहले कानून में भी और अब तो कानून केंद्र ने बनाया है, उसका किसी भी दूसरे व्यक्ति के अधिकारों के ऊपर असर नहीं पड़ा है।
पंडित विनोद शर्मा ने ये भी कहा कि शहरों की तर्ज पर गांवों में भी जो एससी या एसटी या किसी और जाति से है जो बहुत गरीब है, जिनके पास अपनी जमीन नहीं है, उनके लिए भी प्रावधान होना चाहिए कि सरकार उन्हें प्लाट दें, चाहे वह छोटा ही क्याें न हो, 50-50 गज के ही क्यों न हो, ताकि वो अपने घर बना सके और ये स्वतंत्र भारत में एक पहल होनी चाहिए कि हरियाणा में हर किसी को घर मिलने चाहिए। सरकार को चाहिए कि हर इंसान को चाहे शहर में हो या गांव में, एक घर देना चाहिए।
छात्र जीवन से राजनीति में सक्रिय हैं, आप प्रदेश में भी मंत्री रहे, केंद्र में भी मंत्री रहे तो जो लोग राजनीति को करियर बनाना चाहते हैं तो उनके लिए आप अपनी तरफ से क्या गुर देना चाहेंगे?
राजनीति में सेवा भाव से ही आना चाहिए
इस पर विनोद शर्मा जी ने कहा कि राजनीति में करियर नहीं होता। राजनीति एक भावना से की जाती है। अगर भावना सेवा करने की है तो आप राजनीति में कामयाब है। अगर आप करियर बनाने की बात करते हैं तो आप राजनीति में न ही आएं तो अच्छा है। क्योंकि राजनीति में कोई करियर नहीं होता।
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