मथुरा , बिहार के डीजीपी रहे गुप्तेश्वर पांडेयअब नए अवतार मेंनजर आ रहे हैं। श्रद्धालुओं को गेरुआ वस्त्र पहन कर श्रीमद्भागवत कथा सुना रहे हैं। अपने गले में सफेद फूलों की माला, कांधे पर रंगीन पट्टा और जुबान पर सतोगुण, तमोगुण, रजोगुण, ब्रह्म, वैराग्य, मोक्ष बातें लोगो को अचंभित कर रही है 1987 बैच के आईपीएस रहे इस चर्चित शख्सियत की खाकी से खादी की यात्रा, क्यों और कैसे पीतांबर/गेरुआधारी की तरफ मुड़ी, इस बारे में कुछ बताने से खुद गुप्तेश्वर पांडेय सकुचाते दिखे। अपने इस ‘नए अवतार’ के बारे में पूछने पर कहा-’इन सबकी रूचि तो पहले से थी ही। लोगों ने आग्रह किया, तो कर रहा हूं।’ ‘और राजनीति …’, उन्होंने इस बारे में तत्काल कुछ भी बोलने से इनकार किया। सिवाय इसके कि अभी तो यह (धर्म-कर्म) कर रहा हूं।
अयोध्या के हनुमान गढ़ी में लगाई हाजिरी, आठ दिनाें का कथावाचन, आगे भी जारी रहेगा
बीते विधानसभा चुनाव में उन्होंने वीआरएस लिया था। तब डीजीपी थे। जदयू ज्वाइन किया। चुनाव लड़ने की बड़ी चर्चा थी। नहीं लड़ पाए। तरह-तरह की बातें। 2009 में भी वे चुनाव नहीं लड़ पाए थे। खैर, इधर के दिनों में उन्होंने अपने को हनुमान गढ़ी में दिखाया। लोगों को बताया-’लोकमंगल और अपने लिए ज्ञान, वैराग्य एवं भक्ति की भीख मांगने के लिए हनुमान गढ़ी (अयोध्या) में अपने इष्टदेव श्री हनुमान जी के दरबार में हाजिरी लगाई। मेरे प्रभु सबको सुबुद्धि दो और सबका कल्याण करो।’
आठ दिनों का उनका कथावाचन हुआ है। आगे भी यह होना है। वे शुरू से मजे का बोलते हैं। बोलने में उनकी अपनी अदा है। पद पर रहते अक्सर बंदिशों का ध्यान रखना पड़ता था। पूरा, पक्का बाबा बन गए हैं। कथावाचन में कह रहे थे-’किसी के गुण-दोष पर विचार करने से चित्त अशुद्ध हो जाता है। सो, यह काम मत करो। … राम ही धर्म है। कृष्ण ही धर्म है।’
बरसाने में गो सेवा में लीन हैं आनंद शंकर
डीजीपी रहे आनंद शंकर, बरसाने (मथुरा) में गौ सेवा में लीन रहे हैं। वे श्रीकृष्ण के भक्त हैं। उनके डीजीपी रहते उनकी कृष्ण भक्ति को लेकर जब-जब खूब चर्चाएं हुआ करती थीं। बाद में वे मथुरा चले गए। अरविंद पांडेय अभी डीजी हैं। उनके भी राष्ट्रभक्ति वाले गीत, भजन व मौजू मसलों पर बातें-गाने, सुर्खियों में रहती हैं।
कमल कांत उपमन्यु