- रिश्वतखोरी या न्याय में बाधा डालने के लगे हैं आरोप
Former AG Rohatgi On Adani Case, (आज समाज), नई दिल्ली: वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व अटॉर्नी जनरल (एजी) मुकुल रोहतगी (Former Attorney General Mukul Rohatgi) ने दावा किया है कि अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी व अन्य के खिलाफ रिश्वत का कोई आरोप नहीं है। बता दें कि अमेरिकी अभियोजकों और नियामकों द्वारा गौतम अडानी व अन्य के खिलाफ आपराधिक अभियोग तथा दीवानी शिकायतों के बाद मामला सामने आया है।
न गौतम और न ही सागर अडानी का नाम शामिल
पूर्व एजी मुकुल रोहतगी ने आज मीडिया को संबोधित करते हुए जोर देकर कहा, अमेरिकी विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (एफसीपीए) के तहत रिश्वतखोरी या न्याय में बाधा डालने से संबंधित आरोपों में न गौतम अडानी और न ही सागर अडानी का नाम शामिल है। एजी मुकुल रोहतगी ने इस दौरान रेखांकित करते हुए कहा कि ये उनके व्यक्तिगत विचार हैं।
अमेरिकी न्याय विभाग (डीओजे) द्वारा दायर एक आपराधिक अभियोग और सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) द्वारा न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के लिए यूनाइटेड स्टेट्स जिला अदालत में अडानी समूह के चेयरमैन और उनके विशाल समूह के सात अधिकारियों के खिलाफ एक दीवानी शिकायत के बीच विवाद पैदा हुआ है।,
कुछ मामलों में अडानी समूह के लिए पेश हुआ : रोहतगी
एजी मुकुल रोहतगी ने यह भी स्वीकार किया कि वे कुछ मामलों में अडानी समूह के लिए पेश हुए हैं। उन्होंने कहा कि एफसीपीए के उल्लंघन और न्याय में बाधा डालने से संबंधित आरोप सुरक्षा और वायर धोखाधड़ी से संबंधित अन्य आरोपों की तुलना में अधिक गंभीर आरोप हैं, जिसके लिए अडानी पर अभियोग लगाया गया है। पूर्व एजी ने अफसोस जताया कि अभियोग में रिश्वतखोरी के विशिष्ट मामलों का विवरण नहीं दिया गया है, जैसे कि कथित रूप से रिश्वत दिए गए व्यक्तियों की पहचान करना या ऐसे कृत्यों का तरीका।
किसे, कैसे या किस विभाग से रिश्वत दी गई कोई विवरण नहीं
मुकुल रोहतगी ने कहा, जब आप किसी पर अभियोग लगाते हैं, तो आपको विशिष्ट होने की जरूरत होती है। यहां, मुझे इस बात का कोई विवरण नहीं मिला कि किसे, कैसे या किस विभाग से रिश्वत दी गई। उन्होंने माना कि गौतम अडानी, सागर अडानी और अभियोग में नामित अन्य लोग उचित तरीके से जवाब देंगे, संभवत: अंतरराष्ट्रीय कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श करेंगे।
आरोपों का सुझाव देने वाली मीडिया रिपोर्टों का खंडन
अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) ने इस बीच, आज सुबह सेबी के नियमों के तहत स्टॉक एक्सचेंजों में आधिकारिक जवाब दाखिल किया, जिसमें गौतम अडानी और सागर अडानी के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों का सुझाव देने वाली मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया गया। एजीईएल के बयान में स्पष्ट किया गया कि अडानी पर एफसीपीए के तहत आरोप नहीं लगाए गए हैं।
कानूनी ढांचे के तहत जवाब देंगे निदेशक
दाखिल किए गए बयान में कई मीडिया रिपोर्टों में अशुद्धियों को उजागर किया गया, जिसमें दावा किया गया कि अडानी पर एफसीपीए उल्लंघन का आरोप लगाया गया था। इसमें स्पष्ट किया गया कि गौतम अडानी, सागर अडानी और निदेशक विनीत जैन पर प्रतिभूति धोखाधड़ी की साजिश, वायर धोखाधड़ी की साजिश और प्रतिभूति धोखाधड़ी के आरोप हैं। कंपनी ने जोर देकर कहा कि इन आरोपों में एफसीपीए का उल्लंघन शामिल नहीं है और दोहराया कि इसके निदेशक कानूनी ढांचे के तहत आवश्यक रूप से जवाब देंगे।
ये भी पढ़ें: Parliament Session: मणिपुर-अडाणी मुद्दे पर कार्यवाही शुरू होते ही संसद में हंगामा