अफगानिस्तान के पूर्व उप-राष्ट्रपति के बेटा अगवा

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आज समाज डिजिटल, काबुल:
तालिबान अफगानिस्तान में दबदबा कायम करने की कोशिश में जुटा है। वह राजनेताओं के परिजनों पर निशाना साधने से पीछे नहीं हट रहा। इसी मामले में तालिबान ने अफगानिस्तान के पूर्व उप-राष्ट्रपति अब्दुल राशिद दोस्तम के बेटे को जवज्जान एयरपोर्ट से अगवा कर लिया। दोस्तम उत्तरी अफगानिस्तान के बड़े नेता हैं. उन्होंने 90 के दशक में अफगानिस्तान में नॉर्दर्न अलायंस खड़ा किया था। तालिबानी लड़ाकों ने उनके बेटे के साथ कुछ अफगानी सैनिकों को भी अगवा किया है। हालांकि, अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है।

अब्दुल राशिद दोस्तम 2014 में अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति बने और छह साल से ज्यादा समय तक पद पर रहे। दोस्तम को वॉरलॉर्ड भी कहा जाता है। वॉरलॉर्ड वो होते हैं, जिन्होंने अमेरिका की मदद से खुद को तैयार किया और तालिबान के खिलाफ जंग को जारी रखा। वॉरलॉर्ड दोस्तम पर अफगानिस्तान में वॉर क्राइम करने के आरोप भी लगे हैं। माना जाता है कि 9/11 के हमले के बाद अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार को गिराने में दोस्तम अमेरिकी सेना के लिए मददगार साबित हुए थे।
कई महीनों से इलाज करा रहे थे दोस्तम
दोस्तम कई महीनों से तुर्की में अपना इलाज करा रहे थे। अफगानिस्तान के उत्तरी इलाकों में तालिबान की बढ़ती पैठ के मद्देनजर हाल ही में वो काबुल लौटे हैं। दोस्तम ने बुधवार को राष्ट्रपति अशरफ गनी से मुलाकात के बाद कहा कि देश के उत्तरी हिस्सों से तालिबान का सफाया कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि तालिबान के पास बचने का कोई रास्ता नहीं है। दोस्तम की मिलिशिया ग्रुप अफगान सेना के साथ मिलकर तालिबान के खिलाफ युद्ध लड़ रही है।

इससे पहले भी 1990 और 2001 के दौरान दोस्तम ने बल्ख प्रांत से तालिबान का सफाया कर दिया था। अधिकतर अफगानीपाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराते हैं। 10 शहरों पर कब्जे के बाद तालिबान का अगला टारगेट अफगानिस्तान का चौथा बड़ा शहर मजार-ए-शरीफ है। मार्शल अब्दुल राशिद दोस्तम मंगलवार रात को मजार-ए-शरीफ पहुंचे। यहां पहुंचते ही दोस्तम की मिलिशिया ने सेना के साथ शहर के कई इलाकों में मजबूत मोचार्बंदी कर दी है। एक दिन पहले ही सरकार ने बताया था कि अफगान सेना ने तालिबान के हमलों को नाकाम कर दिया है।