Foreign Minister S Jaishankar: कनाडा के आतंकवाद व कट्टरपंथ को छूट देने से खालिस्तानियों के हौसले हुए बुलंद

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Foreign Minister S Jaishankar
कनाडा के आतंकवाद व कट्टरपंथ को छूट देने से खालिस्तानियों के हौसले बुलंद

Aaj Samaj (आज समाज), Foreign Minister S Jaishankar, वाशिंगटन: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि कनाडा और कनाडाई सरकार द्वारा आतंकवाद, कट्टरपंथ और हिंसा को छूट देने की वजह से खालिस्तानियों के हौसले बुलंद हुए हैं। हाल के कुछ सालों में यह समस्या हुई है। शुक्रवार को वाशिंगटन डीसी में एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने सिख समुदाय की तारीफ की। जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद व अलगाववाद की बात करने वाले खालिस्तानियों की संख्या बहुत कम है और मुझे नहीं लगता कि वे पूरे सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हों। हमें इसे पूरे समुदाय का मामला नहीं मानना चाहिए।

  • अलगाववाद व आतंकवाद की बात करने वाले चंद लोग
  • पूरा सिख समुदाय नहीं करता प्रतनिधित्व, कार्रवाई करें

कुछ लोगों के प्रत्यर्पण का कनाडा ने नहीं दिया जवाब

विदेश मंत्री ने कहा, संबंधित सरकारों को उनपर कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कनाडा द्वारा दी जा रही छूट इस बात से भी पता चलती है कि हमने कुछ लोगों का प्रत्यर्पण करने की मांग की थी लेकिन अभी तक उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया है। जबकि तथ्य ये है कि ये वो लोग हैं जो साफ तौर पर भारत में हिंसा और गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त हैं और उन्होंने खुद इसकी घोषणा की है। जयशंकर ने यह भी कहा कि सब लोग जानते हैं कि मोदी सरकार सिख समुदाय का कितना ध्यान रखती है। बीते 10 वर्षों में सिखों के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं।

मजबूर होकर निलंबित कीं वीजा सेवाएं

खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर कनाडा-भारत के बीच चल रहे राजनयिक गतिरोध के बीच भारत द्वारा कनाडाई नागरिकों के लिए वीजा निलंबित करने पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पहली बार चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा कि खालिस्तानी तत्वों द्वारा कनाडा में भारतीय राजनयिकों और वाणिज्य दूतावासों पर हिंसा की घटनाओं को देखते हुए यह जरूरी था।

तावासों के खिलाफ हिंसा का प्रचार हो रहा

उन्होंने कहा, कनाडा में हमारे राजनयिक, वाणिज्य दूतावासों के खिलाफ हिंसा का प्रचार हो रहा है, वे कैसे वीजा संबंधी और कार्यालय जाने का काम करेंगे, उन्हें लगातार हिंसा की धमकियां मिल रही हैं, इसलिए वे काम जारी रखने में असमर्थ हैं। विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय और कनाडाई सरकारें एक-दूसरे से बात करेंगी और देखेंगी कि वे खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की मौत पर अपने मतभेदों को कैसे सुलझा सकती

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