Aaj Samaj (आज समाज), Foreign Citizenship OECD Report, नई दिल्ली: भारत के लोग आर्गनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक कोआॅपरेशन एंड डेवेलपमेंट (ओईसीडी) देशों में प्रवास करने में तो आगे हैं ही, इसके साथ ही वे विदेशों की नागरिकता हासिल करने में भी शीर्ष पर हैं और अमेरिका भारतीय नागरिकों की पहली पसंद है। पेरिस-इंटरनेशनल माइग्रेशन आउटलुक में जारी ओईसीडी एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक इस वर्ष भारतीय अमीर देशों की नागरिकता लेने वाले अंतरराष्ट्रीय समूह में सबसे टॉप पर हैं। वहीं कनाडा ने 2021 और 2022 के बीच नागरिकता देने के मामले में सबसे बड़ी आनुपातिक वृद्धि 174 प्रतिशत दर्ज की है।
ओईसीडी देशों की नागरिकता लेने वालों की संख्या ज्यादा
बीते वर्ष यानी 2022 में भी ओईसीडी देशों की नागरिकता प्राप्त करने वाले विदेशी नागरिकों की संख्या सबसे अधिक थी। यह 28 लाख थी जो 2021 की तुलना में 25 फीसदी अधिक है। हालांकि रिपोर्ट वर्ष 2022 के लिए मूल देश के डेटा का विस्तृत विवरण प्रदान नहीं करती है, लेकिन इसमें कहा गया है कि भारत की जब 2019 से ओईसीडी देश की नागरिकता हासिल करने की बात आती है तो यह मुख्य मूल देश रहा है।
चीन 2021 में दौड़ में पांचवें स्थान पर
ओईसीडी की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में लगभग 1.3 लाख भारतीयों ने ओईसीडी सदस्य देश की नागरिकता प्राप्त की। 2019 में यह आंकड़ा करीब 1.5 लाख था। चीन 2021 में इस दौड़ में पांचवें स्थान पर आया था, क्योंकि लगभग 57,000 चीनियों ने ओईसीडी देश की नागरिकता हासिल कर ली थी। 38-सदस्यीय ओईसीडी में शीर्ष तीन ऐसे देश हैं जिन्होंने 2021 में भारतीय प्रवासियों को पासपोर्ट सौंपे। इन तीन देशों में अमेरिका (56,000), आॅस्ट्रेलिया (24,000) और कनाडा (21,000) हैं।
कई मकसद से विदेशों का रुख कर रहे भारतीय
देश के कई लोग स्टडी वीजा तो कई ग्रेजुएशन के बाद पोस्ट स्टडी वर्क वीजा के लिए आवदेन करते हैं। इसके बाद वे स्थायी नागरिकता के लिए आवेदन कर सिटीजंनसिप हासिल कर लेते हैं। विदेशी नागरिकता मिलने से देश-विदेश घूमने में भी आसानी होती है। अमेरिका और कनाडा जैसे देशों के पासपोर्ट होने पर कई देशों में बिना वीजा भी यात्रा की सुविधा मिल जाती है। कई देशों में परस्पर काम का अधिकार भी विदेशों में जाने की एक वजह है और कई लोग इसका फायदा उठाते हैं। कई देश अन्य देशों के नागरिकों को सोशल सिक्योरिटी बेनिफिट की अनुमति देते हैं। इसके अलावा विदेशों में सरकारी और संवेदनशील क्षेत्रों में नौकरी का भी मौका मिलता है।
पांच साल में 20 फीसदी भारतीयों ने कनाडा को चुना
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने खुलासा किया है कि कनाडा भारतीय प्रवासियों के बीच कितना लोकप्रिय है। जनवरी 2018 और जून 2023 के बीच, अपनी नागरिकता छोड़ने वाले 1.6 लाख या लगभग 20 फीसदी भारतीयों ने कनाडा को चुना। अमेरिका इस सूची में टॉप पर है। इस बीच, आॅस्ट्रेलिया और यूनाइटेड किंगडम ने क्रमश: तीसरा और चौथा स्थान हासिल किया। इस समय सीमा के दौरान अपनी नागरिकता छोड़ने वाले कुल 8.4 लाख भारतीयों में से, महत्वपूर्ण 58.4 फीसदी ने संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा का नागरिक बनने का विकल्प चुना है।
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