Nuh News : नूंह में समय से पहले जबरन की डिलीवरी, जच्चा-बच्चा की मौत

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Nuh News : नूंह में समय से पहले जबरन की डिलीवरी, जच्चा-बच्चा की मौत
Nuh News : नूंह में समय से पहले जबरन की डिलीवरी, जच्चा-बच्चा की मौत

परिजनों का आरोप-डॉक्टर ने नॉर्मल डिलीवरी करने का दबाव बनाया
Nuh News (आज समाज) नूंह: जिले के एक निजी अस्पताल में डॉक्टर ने समय से पहले ेमहिला की डिलीवरी कर दी गई। जिस कारण जच्चा-बच्चा की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि डिलीवरी का समय भी नहीं हुआ था, फिर भी डॉक्टर ने नॉर्मल डिलीवरी करने का दबाव बनाया। इसके लिए डॉक्टर ने महिला को दवाई भी पिलाई थी, जिससे महिला की तबीयत बिगड़ गई। डिलीवरी के समय बच्चा महिला के प्राइवेट पार्ट में ढाई घंटे तक फंसा रहा। प्राप्त जानकारी अनुसार नूंह के गांव पल्ला के निवासी मुबारिक ने चीफ मेडिकल आॅफिसर डॉ. सर्वजीत कुमार को दी शिकायत में बताया कि उसकी बेटी आयशा की शादी ढाई साल पहले पुन्हाना के ढाणा में रहने वाले दिलशाद के साथ हुई थी।

आयशा प्रेग्नेंट थी। 2 दिसंबर को आयशा को उसका पति दिलशाद पुन्हाना के एक निजी जच्चा बच्चा केंद्र में जांच के लिए लेकर गया था। केंद्र के संचालक डॉक्टर बबली और उनके पति गोविंद मिले। उन्होंने कहा कि वे आयशा की नॉर्मल डिलीवरी कर देंगे। तब बेटी की डिलीवरी का समय नहीं हुआ था, इसलिए दिलशाद ने मना किया। मुबारिक का आरोप है कि दिलशाद के मना करने के बाद भी जच्चा बच्चा केंद्र के डॉक्टर नहीं माने।

प्राइवेट पार्ट में फंस गया बच्चा

मुबारिक ने बताया है कि जच्चा बच्चा केंद्र में लुहिंगाकलां के रहने वाले डॉक्टर साबिर को बुलाया गया। उसने आयशा को दूध में मिलाकर कुछ दवाइयां पिला दीं। दवा खाने के बाद आयशा के मुंह से खून आने लगा।

इसके बाद आनन-फानन में डॉक्टर साबिर आयशा की जबरन डिलीवरी कराने में लग गया। समय पूरा नहीं था, इसलिए जब डॉक्टर ने डिलीवरी कराने की जबरदस्ती की तो बच्चा महिला के प्राइवेट पार्ट में फंस गया। इसके बाद करीब ढाई घंटे बाद बच्चे को निकाला जा सका। तब तक बच्चे की मौत हो चुकी थी।

आरोपी डॉक्टर फरार

दिलशाद ने बताया कि ढाई घंटे के बाद मरा हुआ बच्चा तो निकल गया, लेकिन आयशा का खून नहीं रुका। उसकी तबीयत बिगड़ती चली गई। जब आयशा का खून नहीं रुका तो उसे नलहड़ मेडिकल कॉलेज नूंह ले गए। वहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिवार का आरोप है कि जच्चा बच्चा की मौत के लिए निजी केंद्र का स्टाफ जिम्मेदार है।

निजी केंद्र पर फिलहाल ताला लटका है और उस पर लिखा नाम भी मिटा दिया गया है। साथ ही तीनों आरोपी डॉक्टर भी फरार हैं। नूंह के सीएमओ डॉ. सर्वजीत कुमार ने कहा है कि विभाग ने जच्चा और बच्चा की मौत को लेकर छानबीन शुरू कर दी है।

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