नई दिल्ली। महाराष्ट्र अब राष्ट्रपति शासन की ओर बढ़ता दिख रहा है। मुख्यमंत्री देवेंन्द्र फडणवीस ने आज राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा और उसके बाद उन्होंने शिवसेना पर कई आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भाजपा और शिवसेना के बीच कभी 50-50 फॉमूर्ले पर चर्चा नहीं हुई। उद्धव ठाकरे ने कहा कि पहली बार किसी ने ठाकरे परिवार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। लोकसभा से पहले, वार्ता के दौरान भाजपा ने हमें डिप्टी सीएम पद की पेशकश की जिसे मैंने अस्वीकार कर दिया। आगे उन्होंने कहा कि अमित शाह ने मेरी मांग को स्वीकार कर लिया था कि सीएम पद सहित सत्ता को समान रूप से साझा करने का। मैंने अब बातचीत बंद कर दी क्योंकि फडणवीस ने कहा कि मैं झूठ बोल रहा था। मैं उनकी टिप्पणी से आहत था कि ऐसा कोई फामूर्ला तय नहीं किया गया था। हालांकि उद्धव ने कहा कि मैं अभी भी भाजपा को एक प्रतिद्वंद्वी पार्टी नहीं मानता, लेकिन उन्हें झूठ नहीं बोलना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने बाला साहेब को याद किया और कहा कि मैंने बालासाहेब से वादा किया था कि एक दिन महाराष्ट्र में शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा। मैं उस वादे को पूरा करूंगा। इसके लिए मुझे अमित शाह और देवेंद्र फड़नवीस की जरूरत नहीं है। अमित शाह और देवेंद्र फड़नवीस को समझना चाहिए कि महाराष्ट्र के लोगों का उन पर विश्वास नहीं है। मीडिया से बातचीत करते समय उन्होंने कहा कि अगर मुझे कोई झूठा साबित करने की कोशिश करेगा तो मैं स्वीकार नहीं करूंंगा। मैंने कभी बातचीत के दरवाजे बंद नहीं किए। भाजपा को सरकार बनाने का दावा करना चाहिए, वरना सभी विकल्प खुले हैं। मैंने कभी भी मोदी जी की आलोचना नहीं की। जो भी आलोचना की गई थी, वह नीतिगत फैसलों पर थी,व्यक्तिगत स्तर पर कभी नहीं।