नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी के कारण हुए लॉकडाउन से गरीबों को सबसे ज्यादा मुसीबतें उठानी पड़ रही हैं और भारतीय फुटबाल टीम के खिलाड़ी अपने अपने इलाकों में इन जरूरतमंदों को मदद मुहैया कराने में जुटे हैं। इन खिलाड़ियों ने अपने इलाकों में वित्तीय मदद के अलावा शिविर लगाने और खाना जुटाने में अहम भूमिका निभायी है। वे इस महामारी से बचने के लिये सामाजिक दूरी के बारे में भी जागरूकता फैला रहे हैं।
भारतीय कप्तान सुनील छेत्री विश्व संस्था फीफा और एशियाई फुटबाल परिसंघ के कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिये बने ब्रेक द चेन जागरूकता अभियान से जुड़े हैं। डिफेंडर प्रीतम कोटल, मिडफील्डर प्रणय हलदर और डिफेंडर प्रबीर दास ने पश्चिम बंगाल में जरूरतमंदों की मदद के लिये करीब चार लाख रुपए इकट्ठे किये हैं। प्रणय ने कहा, बैरकपुर मंगल पांडे फुटबाल कोचिंग शिविर में काफी सारे बच्चे हैं जो रोज कमाकर खाते हैं। अब हालात थोड़े मुश्किल हो गये हैं और मैं इस समय उनकी मदद करने की कोशिश में जुटा हूं। वहीं यह मिडफील्डर अपने इलाके में कुछ अनाथों की देखभाल भी कर रहा है, उन्होंने कहा, मैं अपने दोस्तों के साथ मिलकर स्टेशन पर रहने वालों और बाहर रहने वाले अन्य लोगों को बुनियादी चीजें बांट रहा हूं। कोटल ने कहा, इस महामारी के बीच हम सभी को एकजुट होकर इससे लड़ने की जरूरत है। हमें मुख्यमंत्री द्वारा शुरू किये गये कोष में थोड़ा योगदान करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा, हमें घर पर रहने की जरूरत है और भगवान से प्रार्थना करनी चाहिए। उम्मीद है कि यह जल्द ही खत्म हो जायेगा।
प्रबीर दास राष्ट्रीय फुटबाल टीम के लिये भी खेल चुके हैं। उन्होंने कहा, कोविड-19 काफी फैल चुका है और हम अब इसे हल्के में नहीं ले सकते। इन हालात में इससे लड़ने के लिये सामाजिक दूरी बनानी होगी। उन्होंने कहा, भारतीय होने के नाते, मेरी जिम्मेदारी है कि मैं सरकार का हाथ बटाऊं और मैंने ऐसा ही करने की कोशिश की। स्वास्थ्य संबंधित संकट के दौरान गरीबों की मदद के लिये प्लेयर्स फॉर ह्यूमैनिटी नाम का ग्रुप भी बनाया हुआ है, जिसे मौजूदा और पूर्व खिलाड़ियों ने मिलकर गया है जिसमें मेहताब हुसैन, सैयद रहीम नबी, डेनसन देवदास, संदीप नंदी और देबब्रत रॉय मौजूद हैं। इसमें मौजूदा खिलाड़ियों में कोटल, हलदर, अरिंधम भट्टाचार्य, प्रबीर दास, सौविक चक्रवर्ती और देबजीत मजूमदार शामिल हैं। इन फुटबालरों ने पश्चिम बंगाल मुख्यमंत्री राहत कोष भी कुछ राशि का योगदान किया है।
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