Food Health Tips खान-पान में इन चार नियमों का पालन जरूरी, नहीं होने देंगे बीमार

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आज समाज डिजिटल, अंबाला:

खाना हमारी दैनिक दिनचर्या का जरूरी हिस्सा है। सभी जानते हैं कि जीवित रहने के लिए लोगों को खाने की जरूरत होती है। यह एक ऐसी चीज है, जिस पर हम ज्यादा सोच-विचार नहीं करते। क्योंकि इसी की वजह से हम सांस ले पाते हैं, सो पाते हैं यहां तक की चलना-फिरना भी खाना खाने की वजह से ही संभव है। फिर भी यदि देखा जाए, तो बहुत से लोग पाचन संबंधी समस्याओं से ग्रसित होते हैं। कई लोगों को हर समय अपच, अम्लता, कब्ज और सुस्त पाचन की समस्या बनी ही रहती है। इससे निजात दिलाने के लिए आयुर्वेद आपकी मदद कर सकता है।
आयुर्वेदिक विशेषज्ञ ने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर की है, जिसमें उन्होंने खाने के नियमों के बारे में बताया है। उनके अनुसार, हम सभी को खाद्य पदार्थों को ठीक से खाने और पचाने के लिए खाने के नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है।

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गर्म और ताजा भोजन करें

विशेषज्ञ के अनुसार, ठंडा भोजन खाने से हमेशा बचें। कोशिश करें, जो भोजन आप कर रहे हैं, वह गर्म और ताजा हो। बता दें कि गर्म भोजन अग्रि या पाचन अग्नि को उत्तेजित करता है। इतना ही नहीं यह पाचन क्रिया को बढ़ावा देने में भी मददगार है। गर्म भोजन से मतलब भोजन इतना गर्म होना चाहिए कि आप इसे आसानी से खा सकें। बहुत ज्यादा तेज गर्म भोजन खाने से जितना बचेंगे, उतना अच्छा है। यह शरीर में पित्त दोष को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है। जबकि ठंडा भोजन पाचन क्रिया को बुरी तरह से प्रभावित कर देता है।

तेल का सेवन भी जरूरी

आजकल मोटापे और कोलेस्ट्रॉल के चलते लोगों ने खाने में तेल की मात्रा बेहद कम कर दी है। लेकिन आयुर्वेद कहता है कि खाने में तेल को अवॉइड नहीं करना चाहिए। सीमित मात्रा में ही सही, लेकिन तैलीय भोजन करना आयुर्वेद का नियम है।

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जरूरत से ज्यादा न खाएं

कई लोग भूख लगने पर जरूरत से ज्यादा खाना खा लेते हैं। लेकिन कुछ समय बाद इन लोगों को कब्ज और पाचन संबंधी समस्याएं घेर लेती हैं। आयुर्वेद के अनुसार, हर व्यक्ति को सही मात्रा में ही भोजन करना चाहिए। भोजन की सही मात्रा वात, पित्त और दोष पर किसी भी प्रभाव के बिना आपकी उम्र बढ़ाते हैं।

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दोपहर में ही करें भारी भोजन

कहा जाता है कि दोपहर का भोजन सबसे जरूरी और अच्छा होना चाहिए। आयुर्वेद का नियम है भले ही सुबह और शाम कम भोजन खाएं, लेकिन दोपहर का खाना बहुत स्वस्थ्य और अच्छा होना चाहिए।

खूब उठाया है फायदा

आयुर्वेद में तमाम बीमारियों को रोकने के लिए व्यक्ति की जीवनशैली के साथ खानपान की आदतों को बदलने पर जोर दिया जाता है। इससे तीनों दोषों वात, पित्त और कफ का संतुलन बना रहेगा और आप जीवनभर स्वस्थ बने रहेंगे।

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