अगर मां गर्भावस्था के दौरान फॉलिक ऐसिड का सेवन करती है तो गर्भस्थ शिशु का भावनात्मक विकास यानी इमोशनल डिवेलपमेंट होता है। इससे बच्चा अपनी भावनाओं को प्रकट करने और दूसरों की भावनाओं को समझने में सक्षम बनता है। हाल ही में हुए एक शोध में इस बात का पता चला है।
किसमें होता है फॉलिक ऐसिड
मसूर दाल, सूखे सेम, मटर, बादाम, ऐवकाडो, गहरी हरी रंग की सब्जियां जैसे ब्रॉकली, पालक, कोलार्ड या शलजम साग, भिंडी,अंकुरित अनाज, ऐस्पैरगस, खट्टे फल और जूस जैसे खाद्य पदार्थों में फॉलिक ऐसिड काफी मात्रा में पाया जाता है। वहीं निष्कर्षों से पता चलता है कि जिन बच्चों की माताओं ने गर्भावस्था के दौरान यह खुराक ली, उनमें उच्च स्तर पर भावनात्मक लगाव और लचीलापन देखने को मिला। ऐसे बच्चे अपने इमोशन्स को व्यक्त करने, मजबूत संबंध विकसित करने व तनाव से निपटने में अधिक समक्ष थे।
मनोवैज्ञानिक तौर पर होता है फायदेमंद
उत्तरी आयरलैंड के प्रफेसर टोनी कैसडी ने कहा, ”हमारे शोध से पता चलता है कि गर्भावस्था के दौरान पूरे समय यदि यह खुराक ली जाए तो यह शिशु के लिए मनोवैज्ञानिक तौर पर फायदेमंद होती है।” शोध का परिणाम ब्रिगटन स्थित ब्रिटिश साइकॉलजिकल सोसायटी के वार्षिक सम्मेलन में पेश किया गया। पहले के प्रमाणों से पता चलता है कि फॉलिक ऐसिड की खुराक गर्भावस्था के दौरान पहले तीन महीने लेना गर्भस्थ शिशु के दिमाग का विकास तेजी से करता है। प्रसव से पहले विटमिन के साथ 400 माइक्रोग्राम फॉलिक ऐसिड की समुचित मात्रा गर्भावस्था के समय लेना शिशु के दिमाग और मेरुदंड को विकारों से बचाता है। शोध के लिए 39 बच्चों के माता-पिता से सवाल जवाब किए गए और बच्चों के व्यक्तित्व की जानकारी ली गई। इस समूह में 22 माताओं ने गर्भावस्था के पूरे समय में फॉलिक ऐसिड की खुराक ली थी, जबकि 19 माताओं ने सिर्फ शुरुआती तीन महीने ही खुराक ली थी।