मैदानी क्षेत्रों में संभलकर चलाएं वाहन, अगले 3 दिन घने कोहरे का अलर्ट
आज समाज डिजिटल, शिमला (Fog in Himachal Pradesh Districts) : इन दिनों हिमाचल प्रदेश के मैदानी क्षेत्र सूखी ठंड की चपेट में आ गए हैं। इससे इन क्षेत्रों में घने कोहरे का खतरा बढ़ गया है। सुबह और शाम को घना कोहरा छाने की वजह से लोगों को संभल कर वाहन चलाने की सलाह दी जा रही है। मौसम विभाग ने प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में अगले 3 दिन घने कोहरे का येलो अलर्ट जारी किया है। यह अलर्ट बिलासपुर, कांगड़ा, हमीरपुर और मंडी जिले के लिए जारी किया गया है। इससे बचने के लिए मौसम विभाग ने लोगों को एडवाइजरी जारी करते हुए संभल कर वाहन चलाने की सलाह दी है।
मौसम विभाग के मुताबिक घने कोहरे के चलते इन जिलों में विजिबिलिटी 100 से 500 मीटर तक की होगी। इसीलिए लोगों को बचकर वाहन चलाने की सलाह दी गई है। बारिश न होने के कारण प्रदेश में सूखी ठंड पड़ रही है। इस कारण मैदानी क्षेत्रों में कोहरे के हालात बने हुए हैं, जो अगले 3 दिनों तक बने रहेंगे।
न्यूनतम तापमान में गिरावट (Himachal Pradesh Weather)
प्रदेश में पड़ रही सूखी ठंड के कारण यहां न्यूनतम तापमान में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है। प्रदेश के सबसे गर्म ऊना जिले का न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है। नाहन और पांवटा साहिब को छोड़ प्रदेश के अन्य शहरों का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच गया है। इससे प्रदेश में रात के समय काफी ठंड होने लगी है। शिमला का न्यूनतम तापमान 7.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है।
मनाली में यह 1.4, कल्पा में 1.8, सुंदरनगर में 1.9 और भुंतर का 2.1 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है। धर्मशाला का न्यूनतम तापमान 9.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है। पालमपुर का 6 और सोलन का न्यूनतम तापमान 4.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है। मंडी का न्यूनतम तापमान 4.5 डिग्री सेल्सियस और हमीरपुर का 5.4 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। केलंग और कुमकुमसेरी का न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से नीचे है और यह -4.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है।
अभी एक सप्ताह और सताएगी सूखी ठंड
प्रदेश में लोगों को अभी एक सप्ताह और सूखी ठंड का सामना करना पड़ सकता है। मौसम विभाग ने 5 दिसंबर तक प्रदेश में मौसम के इसी तरह शुष्क बने रहने का पूर्वानुमान जारी किया है। इससे मैदानी क्षेत्रों में घने कोहरे का प्रकोप बना रहेगा और न्यूनतम तापमान में भी गिरावट दर्ज की जा सकती है।