नई दिल्ली। दिल्ली में यमुना नदी खतरे का सबब बन रही है। यमुना का पानी खतरे के निशान को पार कर 205 मीटर के स्तर पर पहुंच गया है जबकि खतरे का निशान 204.50 मीटर है। इसे देखते हुए लोहा पुल पर गाड़ियों की आवाजाही बंद करवा दी गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में बाढ़ के खतरे को देखते हुए अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई है। बैठक के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस में राजधानी के लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए दिल्ली सरकार की ओर से 2120 टेंट के इंतजाम किए गए हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि रविवार शाम हरियाणा ने 8.28 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा है, जो आने वाले 36-72 घंटे तक दिल्ली पहुंचेगा। ऐसी परिस्थिति में सरकार की ओर से जान-माल के नुकसान से बचने के हर संभव उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है, सभी तैयारियां कर ली गई हैं, इसलिए घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने आपात स्थिति में मदद के लिए 011-22421656 और 011-21210849 हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया। कुल 23860 लोगों को बाढ़ क्षेत्रों से हटाए जाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि यमुना किनारे रहने वाले लोग आज यानी सोमवार शाम 6-7 बजे तक टेंट्स में आ जायें। आने वाले दो दिन मुश्किल भरे हो सकते हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री ने लोगों को बिना घबराए किनारे के इलाकों से निकल कर खाली टेंट में आने की सलाह दी। गौरतलब है कि हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने और यमुना नगर कैचमेंट एरिया में लगातार बारिश होने के कारण रविवार से ही दिल्ली में यमुना नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। सोमवार को यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया। बता दें कि खतरे का निशान 204.50 मीटर है। बाढ़ की आशंका को देखते हुए दिल्ली में सभी संबंधित एजेंसियां अलर्ट पर हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि लोगों के लिए लगाए गए टेंट में सभी के लिए भोजन, पानी और शौचालय की पूरी व्यवस्था कर दी गई है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली में रहने वालों को नदि किनारे के इलाकों से हट कर दूसरी जगह जाने को कहा। मालूम हो कि यमुना के बाढ़ क्षेत्र को खाली करने का आदेश जारी हो गया है। अधिकारियों का दावा है कि दिल्ली सरकार हर तरह के हालात से निपटने को तैयार है।