Aaj Samaj (आज समाज), Flood Landslide Update, शिमला/देहरादून: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण बार-बार भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं ने प्रदेश के लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। खराब मौमस के चलते उत्तराखंड भी बेहाल है। मानसूनी बारिश ने 24 जून से दोनों राज्यों में भारी तबाही मचाई है। हिमाचल में बारिश का 50 साल का रिकॉर्ड टूट गया है। बाढ़ और बारिश व भूस्खलन से जुड़ी घटनाओं में राज्य में अब तक 327 लोगों की मौत हो गई है, वहीं उत्तराखंड में 52 लोगों ने अब तक जान गंवाई है। इस तरह दोनों राज्यों में अब तक इस मानसून में 379 लोगों की मौत हो चुकी है।
- कांगड़ा से 1700 से अधिक लोग बचाए
- हिमाचल में 7500 करोड़ रुपए का नुकसान
रविवार के बाद हिमाचल में 70 से ज्यादा लोगोंं की मौत
हिमाचल में 327 में से 71 लोगों की मौत पिछले चार दिन में हुई है। राज्य के जयादातर जिले बाढ़ की चपेट में है। पोंग बांध से पानी छोड़ा गया है जिससे कांगड़ा जिले के कई इलाकों में बाढ़ के हालात हो गए हैं। जिले में जिला प्रशासन, सेना और वायुसेना ने मिलकर 1700 से अधिक लोगों को बचाया है। सुक्खू सरकार ने केंद्र सरकार से 6600 करोड़ रुपए की मदद की मांग की है। प्रदेश को इस मानसून सीजन में 7500 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
शिमला में कई इमारतें ढह गई तो कई ढहने के कगार पर
शिमला में भारी भूस्खलन के कारण कई इमारतें ढह गई तो कई इमारतें ढहने के कगार पर हैं। खतरे को देखते हुए 35 से अधिक घरों को खाली करा लिया गया है। शहरी विकास विभाग की कई इमारतों पर भी खतरा मंडरा रहा है। शिमला के कृष्णनगर वार्ड में स्लॉटर हाउस के पास पहाड़ खिसकने से 5 भवन गिर गए हैं। यहां से दो लोगों के शव मिले हैं। समरहिल के पास शिव मंदिर में हुए हादसे में अब भी सात लोगों की तलाश जारी है।
पंजाब : गुरदासपुर के दस गांवों में बाढ़ के हालात बरकरार
हिमाचल के पौंग डैम से पानी छोड़े जाने के बाद पंजाब के गुरदासपुर जिले के दस गांवों में बनी बाढ़ की स्थिति में अभी खास सुधार नहीं दिखा है। हालांकि दो जगह पर धुस्सी बांध में पड़ी दरार को भर दिया गया है, लेकिन फिर भी पानी लगातार गांवों तक पहुंच रहा है। डीसी डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि सिविल, पुलिस प्रशासन के अलावा एनडीआरएफ, सेना व बीएऐसएफ के 100 से ज्यादा जवान राहत कार्यों में जुटे हुए हैं।
उत्तराखंड : भूस्खलन की जद में देहरादून का पूरा जाखन गांव, कई मकानों में दरारें, कई ढहे
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के पछवादून क्षेत्र की बिन्हार की मदरसू ग्राम पंचायत का जाखन गांव भूस्खलन की जद में आ गया है। ऊपर की तरफ सड़क से बुधवार सुबह जमीन धंसना शुरू हुई और देखते ही देखते मलबा ग्रामीणों के घरों तक पहुंच गया। इस वजह से यहां 10 आवासीय भवन धराशायी हो गए और 10 अन्य बड़ी दरारों के कारण क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
दरारें छह इंच से एक फीट तक चौड़ी : प्रशासन
पूरे जाखन गांव को खाली करा दिया गया है। लोग घरों से निकलकर सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं। प्रशासन के अनुसार दरारें छह इंच से एक फीट तक चौड़ी हैं। राज्य आपदा मोचन बल व पुलिस ने प्रभावित 25 परिवारों को वहां से हटाया। प्रभावित परिवारों को प्रशासन ने स्कूल व पंचायत भवन में ठहराया है। गांव में करीब 25 आवासीय भवन और कुछ गोशाला हैं। देहरादून की जिलाधिकारी सोनिका ने बताया कि जाखन गांव में भूधंसाव व भूस्खलन की मुख्य वजह अभी ज्ञात नहीं हो सकी है।
ऋषिकेश में गंगा उफान पर राम झूला पुल बंद
उत्तराखंड के ऋषिकेश में गंगा उफान पर हैं। नदी का जलस्तर निरंतर बढ़ने से तटीय इलाकों में भूकटाव हो रहा है। राम झूला पुल के जनपद टिहरी वाले छोर पर पुल का पुस्ता क्षतिग्रस्त होने के बाद आज यह आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है। लोगों को जानकी सेतु से आगे भेजा जा रहा है। मुनिकीरेती तथा स्वर्ग आश्रम-लक्ष्मण झूला को जोड़ने के लिए अब एकमात्र जानकी सेतु ही विकल्प रह गया है।
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