Aaj Samaj (आज समाज), Floating Solar Power Plant, भोपाल: मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में बन रहे एशिया के सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट (पानी में तैरता सोलर पावर प्लांट) में बिजली लाइन का ट्रायल सफल रहा है। परियोजना के इंजीनियरों के अनुसार ओंकारेश्वर डैम के बैकवॉटर में बन रहे इस संयंत्र के पहले ट्रांसफॉर्मर का ट्रायल हो चुका है। इसके साथ ही दूसरे ट्रांसफॉर्मर की टेस्टिंग भी पूरी कर ली गई है और अब इसे आने वाले दिनों में चार्ज किया जाएगा। इसके साथ ही यहां परियोजना से जुड़ा तीसरा ट्रांसफॉर्मर भी स्थापित किया जा रहा है, और इसी महीने के अंत तक इसका भी काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद प्रदेश को सोलर पावर से बिजली मिलना शुरू हो जाएगी।

  • दो से तीन दिन में शुरू होगा प्रोडक्शन

गुरुवार को पूरा हुआ बिजली लाइन का ट्रायल

परियोजना के इंजीनियरों ने बताया कि पानी में तैरते सोलर पावर प्लांट पर बिजली लाइन का ट्रायल गुरुवार को पूरा हुआ और जल्द इससे बिजली मिलना शुरू होने की संभावना है। बताया जा रहा है कि 100 मेगावॉट क्षमता का पहला पानी पर तैरता ट्रांसफॉर्मर, चार्ज होने के बाद ठीक से काम भी करने लगा है। सफल ट्रायल के बाद इससे केलवाखुर्द ग्राम के पास बैकवॉटर में स्थित एम्प कंपनी के पावर प्लांट तक सफलता पूर्वक बिजली सप्लाई पहुंच गई है।

प्लांट में अन्य उपकरणों की टेस्टिंग की प्रक्रिया का प्रोसेस जारी

अब एम्प कंपनी के प्लांट में अन्य उपकरणों की टेस्टिंग की प्रक्रिया पूरी होने का प्रोसेस चल रहा है, जिसके बाद पहले चरण में संभवत: अगले दो से तीन दिन में यहां से करीब 50 मेगावाट बिजली का उत्पादन भी शुरू हो जाएगा। बता दें कि यहां से खंडवा जिले के छैगांव माखन ग्रिड तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य है। वहां से एमपीपीएमसीएल के माध्यम से प्रदेश के जिन स्थानों पर जरूरत होगी वहां इस संयंत्र से बनने वाली बिजली की सप्लाई की जाएगी।

100 मेगावाट बिजली उत्पादन का उद्देश्य

खंडवा अपर कलेक्टर काशीराम बडोले ने बताया कि एशिया के सबसे बड़े पानी पर तैरते सोलर पावर प्लांट की टेस्टिंग चल रही है। उन्होंने बताया कि इससे कुल मिलाकर 100 मेगावाट बिजली उत्पादन का उद्देश्य है। उम्मीद है यह अगले सप्ताह से शुरू होने की संभावना है। शुरुआत की टेस्टिंग में 50 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा।

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