Flag meeting was not called before Bangladesh border firing: बांग्लादेश सीमा-गोलीबारी से पहले नहीं बुलाई गई थी फ्लैग मीटिंग

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बीएसएफ और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के बीच झड़प की घटना हुई। जिसकी जांच शुरू कर दी गई है। बताया जा रहा है कि इसमें बीएसएफ के कई अधिकारी और जवान बर्खास्त हो सकते हैं। जांच से जुड़े प्रारंभिक तथ्यों से पता चला है कि घटना से पहले दोनों देशों के बीच अधिकारिक तौर पर फ्लैग मीटिंग नहीं बुलाई गई थी। दरअसल भारत के तीन मछुआरे बांग्लादेश की सीमा में प्रवेश कर गए थे। बीएसएफ जवानों को जब यह सूचना मिली कि बीजीबी तीन भारतीय मछुआरों के साथ मारपीट कर रहे हैं। तो वह आक्रोश में आ गए। चूंकि बांग्लादेश फ्रेंडली बार्डर है। इस कारण वह एक नाव में सवार होकर बांग्लादेश क्षेत्र में प्रवेश कर गए। मछुआरों का कहना था कि नदी में आए तेज बहाव के चलते वे बांग्लादेश की सीमा में आ गए थे। उन्हें खुद इसका पता नहीं चला। उनके साथ बीजीबी ने गलत व्यवहार किया। जब यह सूचना बीएसएफ को मिली तो चार जवान मछुआरों को बचाने के लिए निकल पड़े। वे सभी एक स्पीडबोट में थे। शाहारीघाट के माध्यम से उन्होंने बांग्लादेश क्षेत्र में प्रवेश किया था। बीजीबी का आरोप है कि उन जवानों में से केवल एक वर्दी में था, बाकी तीन सिविल कपड़ों में थे।