नई दिल्ली। तमिलनाडु प्रीमियर लीग में लग रहे फिक्सिंग के आरोप के बाद एक बार फिर से यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या जेंटलमैन गेम कहे जाने वाले क्रिकेट में यह सब करना इतना आसान है। बीसीसीआई के एंटी करप्शन यूनिट के चीफ अजीत सिंह ने युवाओं को इस तरह से किसी भी मामले से दूर रहने की सलाह दी है। अजीत सिंह ने साफ कहा कि विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी जैसे बड़े खिलाड़ियों के पीछे कभी भी सट्टेबाज या फिक्सर अपना वक्त बर्बाद नहीं करते हैं। युवा या फिर जो क्रिकेटर सफल नहीं हो पाए वो ही इसमें फंसते हैं। युवाओं को पता ही नहीं चलता कि उनके साथ क्या हो रहा है या फिर पैसे इतने ज्यादा होते हैं कि नकार नहीं पाते।
फिक्सिंग पर बात करते हुए अजीत सिंह ने कहा, अगर आप मुझसे पूछें तो आज के स्टार खिलाड़ी इस तरह से मामले में शामिल होने से पाने से ज्यादा सबकुछ खो सकते हैं। जरा सोचिए, अगर विराट कोहली या धोनी जैसे खिलाड़ी इसमें शामिल होते हैं तो यहां सिर्फ पैसों की बात नहीं होगी, बल्कि उनका नाम और रुतबा भी दांव पर रहेगा। वो ऐसी चीजों के लिए अपने नाम को कुर्बान नहीं कर सकते हैं। उनका नाम इन सब चीजों से कहीं बड़ा है। अगर सिर्फ पैसे की भी बात हो तो भी क्या आपको लगता है, वो इसमें शामिल होंगे। चाहे पैसा हो या फिर इंडोर्समेंट ये सभी उनके नाम की वजह से ही मिलता है। इतना ही नहीं इन सबके अलावा भी जो कुछ उनको हासिल है, वो सिर्फ नाम और रुतबे की वजह से। बेटिंग से उनको इसका छोटा सा हिस्सा भी नहीं मिलने वाला।
ये लोग (फिक्सर और सट्टेबाज) किसी भी तरह से मौके की तलाश में रहते हैं। अगर यह किसी तरह से टूर्नामेंट में शामिल नहीं हो पाते तो फिर अपनी भी लीग की शुरुआत कर सकते हैं। अब ये नए देश की तरफ रुख कर रहे हैं, खेल का प्रमोशन करने के नाम पर टूर्नामेंट का आयोजन करते हैं और अपनी टीम हासिल करते हैं। ये ऐसा दिखाते हैं जैसे खेल के लिए काम कर रहे हैं।
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