शिवलिंग पर वरमाला डालकर अपना पूरा जीवन भगवान को समर्पित करने का लिया प्रण
Sirsa News (आज समाज) सिरसा: आजीवन ब्रह्मचर्य, त्याग और तपस्या के मार्ग पर चलने का प्रण लेते हुए सिरसा में 5 युवतियों ने ब्रह्मकुमारी बनने का फैसला किया है। गत दिवस हुए कार्यक्रम में इन पांचों युवतियों ने अपना पूरा जीवन भगवान की सेवा में समर्पित करने का एक कठोर निर्णय लिया। ब्रह्मकुमारी बनी इन युवतियों सिरसा में शिवलिंग पर वरमाला डालकर अपना पूरा जीवन भगवान को समर्पित कर दिया है। ब्रह्मकुमारी यह युवतियां उच्च शिक्षित है। साध्वी बनी रोहतक की रुहानी बीए पास है।
रोहतक की ही सुनीता ने बीकॉम और अंजू ने 12वीं के बाद आईटीआई का भी डिप्लोमा किया हुआ है। वहीं सिरसा की रहने वाली धन वर्षा ने एमटेक किया है। उत्तरप्रदेश के जिले हापुड़ में तिलकवा गांव की रहने वाली सिद्धि ने एमए तक पढ़ाई की हुई है। कार्यक्रम सिरसा शहर के हिसार रोड पर स्थित ब्रह्मकुमारीज आनंद सरोवर में हुआ। इस मौके पर सुदेश दीदी ने कहा कि छोटी उम्र में बड़ा निर्णय कर समाज के लिए उदाहरण बनकर जीवन जीना मानव जीवन की शान है।
5 साल में पूरी होती है ब्रह्मकुमारी बनने की प्रक्रिया
संस्था की अंतरराष्ट्रीय संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी सुदेश दीदी ने बताया कि ब्रह्मकुमारी बनने के लिए संस्था की एक प्रक्रिया है, जो सभी पर लागू होती है। इच्छुक साधक को राजयोग मेडिटेशन कोर्स के लिए 6 माह तक नियमित सत्संग व राजयोग ध्यान के अभ्यास के बाद केंद्र प्रभारी दीदी द्वारा सेवा केंद्र पर रहने की अनुमति दी जाती है। 5 साल तक सेवा केंद्र में संस्थान की दिनचर्या और गाइडलाइन का पालन करना होता है।
इस दौरान बहनों का आचरण, चाल-चलन, स्वभाव और व्यवहार परखा जाता है। इसके बाद ट्रायल के लिए मुख्यालय शांतिवन के लिए माता-पिता को अनुमति पत्र भेजा जाता है। माता-पिता से अनुमति मिलने के बाद ही ब्रह्मकुमारी बनने की प्रक्रिया शुरू की जाती है।
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