होशियार सिंह, कनीना:
Fishing Center Kanina: करीब 50 लाख रुपये की लागत से तैयार पिंकी यादव का मत्स्य केंद्र अब पैदावार देने लग गया है। इस प्रकार के प्रोजेक्ट पर 40 से 60 तक सरकार द्वारा सब्सिडी दी जाती है।
कम पानी की सहायता से कर रहे ज्यादा पैदावार Fishing Center Kanina
इस प्रोजेक्ट के बारे में पिंकी यादव तथा कुलदीप नंबरदार ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में कम पानी की सहायता से अधिक मछली उत्पादन कर सकते हैं। इसमें पानी को ड्रम फिल्टर,बायो फिल्टर, आरओ और अल्ट्रावाइलेट किरणों की सहायता से साफ करके उसी पानी को बार बार प्रयोग में लाया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट में 8 टैंकों की लंबाई चौड़ाई 25 फुट बाई 25 फुट व उनकी गहराई 5 फुट के लगभग होनी चाहिए। जिसमें उच्च घनत्व के अंदर अधिक से अधिक मछली पालन कर सकते हैं।
कैट फिश का किया जा रहा पालन Fishing Center Kanina
मुख्य रूप से इस सिस्टम में कैट फिश का पालन किया जाता है जो मछली वायु श्वासी होती है, जो हवा में सांस लेने वाली होती है। उन्हीं को अधिक से अधिक उत्पादन किया जा सकता है। 6 से 8 महीने के अंदर मछली 500 ग्राम वजन से ऊपर हो जाती है। मछली पालन करने के लिए मछली के बारे में जानकारी होना अति आवश्यक है।
मुख्य रूप से इस प्रोजेक्ट के लिए मछली पालन की जानकारी बहुत ही जरूरी है। यह प्रोजेक्ट जिला मत्स्य अधिकारी सोमदत्त के मार्गदर्शन व देखरेख में किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट को लगवाने में इनकी बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। यहां पंगास मछली का उत्पादन किया जा रहा है। पिंकी यादव व उनका परिवार खुश है कि जिला में दो ऐसे केंद्रों में उनका भी नाम है तथा यह पैदावार देने लग गया है जो रोटी रोजी का बेहतर जरिया है।
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जिलेभर में कमा रहा है नाम Fishing Center Kanina
कनीना की पिंकी यादव का कम जमीन तथा कम पानी में मछली पालने का केंद्र आरएसी(रिसकुर्लेटरी अक्वा कल्चर) जिले भर में नाम कमा रहा है। जिले भर में इस प्रकार का यह दूसरा केंद्र है। भारत सरकार एवं हरियाणा सरकार की मिली जुली योजना है। करीब 50 लाख रुपये की लागत से प्रोजेक्ट तैयार है जिस पर सरकार सामान्य व्यक्ति को 40 फीसदी वही एससी के लिए तथा महिलाओं को 60 फीसदी अनुदान देती है।
आधुनिक पद्धति का फार्म किया स्थापित Fishing Center Kanina
कनीना में गाहड़ा रोड पर सत्यवीर सिंह बोहरा के मकान के पास पिंकी यादव ने आधुनिक पद्धति का फार्म स्थापित किया है। कम पानी कम जगह में अधिक उत्पादन लेने के लिए संस्थान जाना जाता है। पिंकी यादव ने बताया कि उनका यह संस्थान शुरू हो चुका है। 50 हजार पंगास नामक कैटफिश नामक छोटी-छोटी मछलियां मंगवाई है जो 6 से 8 महीने में तैयार हो जाती हैं। दिल्ली में गाजीपुर मार्केट इसके लिए प्रसिद्ध है। अब ये पैदावार देने लग गई हैं।
करीब एक एकड़ एरिया में उनका यह प्रोजेक्ट 50 लाख रुपये की लागत से शुरू हुआ है। हार्वेस्टिंग शुरू हो चुकी हैं अर्थात मछलियां बिक्री के लिए तैयार हो चुकी हैं। इस प्रोजेक्ट में 35 फीसदी तक लाभ होता है। छोटी सी जगह में जहां पानी को बार-बार साफ करके प्रयोग में लाया जाता है। 8 टैंकों में छोटी-छोटी मछलियां पाली गई हैं। प्रत्येक टैंक में करीब एक लाख लीटर तक पानी भरा है जो एक साल तक प्रयोग किया जा सकता है।
यह कहते हैं जिला मत्स्य अधिकारी Fishing Center Kanina
जिला मत्स्य अधिकारी सोमदत्त ने बताया कि इस संयंत्र पर 36 लाख रुपये लागत तथा 14 लाख रुपये छोटी मछलियां रखने के लिए रखे जाते हैं। ये मछलियां पानी में ऊंचाई तक सांस ले सकती हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली और फरीदाबाद में इनकी मार्केट चलती है। जिला में महेंद्रगढ़ में गादड़वास तथा दूसरा कनीना में ही दो फार्म स्थापित ही है। जिसमें पानी पूरे साल तक प्रयोग किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि दस लाख रुपये तक प्रत्येक बैच में किसान कमा सकते हैं।
उन्होंने बताया प्रारंभ में कैटफिश पाली जाती हैं और बाद में हाई वैल्यू फिश पाली जाती है जो दूसरा सोपान होता है। दूसरे सोपान में कोई फिश, सिंघी फिश, देसी मंगूर, पापदा आदि मछलियां पाली जाती है जो किसान के लिए बेहतर आय देती है। इस फार्म में जहां एक बार डाला गया पानी 1 साल तक काम दे सकता है क्योंकि हाई तकनीक के जरिए इस पानी को साफ किया जाता है और फिर से मछलियों के लिए उपलब्ध हो जाता है। बहरहाल पिंकी यादव और उसके परिजन बलदीप तथा कुलदीप नंबरदार खुश है कि कम से कम उन्होंने इस प्रकार का फार्म स्थापित किया है।
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