Fisheries Training Camp: एनडीआरआई में चार दिवसीय मत्स्य पालन प्रशिक्षण शिविर का हुआ समापन

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मत्स्य पालन: तालाब निर्माण एवँ प्रबंधन”
मत्स्य पालन: तालाब निर्माण एवँ प्रबंधन”

Aaj Samaj, (आज समाज),Fisheries Training Camp,करनाल, 5मई, इशिका ठाकुर:
राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान करनाल में किसानों के लिए मत्स्य पालन का चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम “मत्स्य पालन: तालाब निर्माण एवँ प्रबंधन” विषय पर 2 से 5 मई तक आयोजित किया गया।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम मे जिला करनाल एव्म इसके आस-पास के जिलो से 30 किसानो, ग्रामिण युवाओ एव्म महिलाओ ने भाग लिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन में कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉ पंकज कुमार सारस्वत ने मत्स्य पालको के लिए भारत सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के बारे में विस्तार से बताया।

जिसके अंतर्गत सरकार की ओर से 60 % तक अनुदान राशि दी जा रही है। केंद्र के विषय विशेषज्ञ मत्स्य पालन डॉ राकेश कुमार टोंक ने प्रशिक्षण में आए प्रशिक्षणार्थियों को वैज्ञानिक विधि से मत्स्य पालन की तकनीकों के बारे मे बताया जिसमें नये तालाब का निर्माण, तालाब के अंदर पानी की गुणवत्ता को लगातार बनाए रखना, तालाब के पानी में घुलित ऑक्सीजन का लेवल 5 पीपीएम से ऊपर बनाए रखना, मत्स्य बीज डालने से पूर्व तालाब का प्रबंधन, मत्स्य बीज डालने का फार्मूला, तालाब का मत्स्य बीज डालने के उपरांत प्रबंधन, मत्स्य फीडिंग, लगातार तालाब में प्लैंकटोन को एक निश्चित मात्रा को बनाए रखना, मत्स्य पालन का लागत-लाभ अनुपात, मत्स्य पालन के साथ समन्वय कृषि प्रणाली के अंतर्गत बतख पालन, पशु पालन और फल एवं सब्जियों का उत्पादन, मत्स्य बीज में स्पान, फ्राई-साइज और फिंगर्लिंग की देखभाल एवं इसके विकास, मत्स्य बीज में होने वाली मृत्यु दर, जिसका एक कारण मत्स्य बीज के प्राकृतिक दुश्मन होना है को भी प्रबंधन के द्वारा कम करने के विषय भी विस्तार से बताया गया।

मिश्रित मत्स्य पालन के अंतर्गत पाली जाने वाली मछलियों के गुण एवं इनको एक साथ पालने की तकनीक को बताया गया जिसके अंतर्गत मत्स्य पालक मछलियों को एक ही तालाब में पानी की 5-6 फीट की गहराई मे तीन स्तर पर छ: प्रकार की मछलियां पाल सकते हैं जिसमे प्रति घनमीटर पानी मे एक मछली का अनुपात उपयुक्त होता है।

केंद्र के डॉ अरुण कुमार ने मत्स्य में होने वाली बीमारियों एवं उनके प्रबंधन को विस्तार पूर्वक बताया। इसके अंतर्गत मत्स्य पालन में उपचार से बेहतर बचाव होना बताया गया। केंद्र के विषय विशेषज्ञ डॉ योगेश कुमार ने विभिन्न मौसम का मत्स्य पालन पर प्रभाव एवं इसके अंतर्गत की जाने वाली बचाव की विभिन्न विधियों को विस्तार पूर्वक बताया।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षणार्थियों को कृषि विज्ञान केंद्र के पूर्व प्रशिक्षणार्थी एवम प्रगतिशील किसान सुशील कुमार की हैचरी एवं मत्स्य पालन तालाब का भ्रमण ग्राम कमालपुर रोड़ान ब्लॉक इंद्री मे कराया गया। प्रशिक्षणार्थियों ने सुशील कुमार के साथ मत्स्य पालन के कार्य में आने वाली बाधाओ और मत्स्य पालन के उत्पादों की मार्केटिंग के बारे में चर्चा की।

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