Fish Import Permit: केवल पंजीकृत ठेकेदारों के पक्ष में ही जारी होंगे मछली आयात के परमिट : वीरेन्द्र कंवर 

0
414
Fish Import Permit
आज समाज डिजिटल, शिमला:
Fish Import Permit: ग्रामीण विकास, पंचायती राज, पशुपालन एवं मत्स्य पालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने कहा है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 से मत्स्य विभाग द्वारा प्रदेश में मछली आयात के परमिट केवल पंजीकृत ठेकेदारों के पक्ष में ही जारी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जलाशयों के मछुआरों के हितों को ध्यान में रखते हुए व उनके रोजगार क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के दृष्टिगत वित्तीय वर्ष 2022-23 से प्रदेश के सभी जिलों में मछली आयात को आंशिक रूप से प्रतिबन्धित किया जा रहा है।

प्रदेश के लगभग 10 हजार परिवार मात्स्यिकी व्यवसाय से जुड़े

वीरेन्द्र कंवर ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के लगभग 10 हजार परिवार मात्स्यिकी व्यवसाय से जुड़े हैं। प्रदेश के ठण्डे पानी, नदीय क्षेत्रों, तालाबों व जलाशयों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में मत्स्य पालन हो रहा है। हिमाचल प्रदेश के मुख्य जलाशय महाराणा प्रताप पौंग डैम व गोबिन्द सागर जलाशय से लगभग 5500 परिवार मछली पकड़ने के व्यवसाय से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के विभिन्न जिलों से मछली आयात के परमिट के लिए आवेदन विभाग के पास पहुंचते हैं।
विभाग आवेदनकर्ताओं की मांग अनुसार मछली आयात का परमिट उस वित्तीय वर्ष के लिए उनके पक्ष में जारी करता है। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश के मछुआरों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है तथा मत्स्य विभाग का राजस्व भी प्रभावित हो रहा है, क्योंकि परमिट प्राप्त होने पर लोग बाहरी राज्यों से कोल्ड स्टोर में रखी गई पुरानी मछली लाकर कम दामों पर बेच रहे हैं। इस प्रकार की पुरानी मछली की गुणवत्ता ताजा मछली की अपेक्षा बहुत कम होती है, क्योंकि प्रदेश के जलाशयों से जो मछली पकड़ी जाती है वह ताजा व पौष्टिक होती है।

सख्त बनाए जाएंगे मछली आयात परमिट के नियम

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रदेश के जलाशयों में मछली की अच्छी प्रजातियां उपलब्ध होने के बावजूद मछली के अच्छे दाम बाजार में नहीं मिल रहे हैं, जिसका मुख्य कारण प्रदेश में अधिक मात्रा में नियमित रूप से मछली का आयात किया जाना है। इससे आजीविका के लिए केवल मछली पालन पर ही निर्भर प्रदेश के 5500 से अधिक मछुआरों की रोजी-रोटी पर भी बुरा प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मछली व्यवसाय से जुड़े सभी व्यापारियों, पंजीकृत ठेकेदारों तथा मछुआरों व मत्स्य सहकारी सभाओं के हितों के दृष्टिगत मछली आयात पर आंशिक प्रतिबन्ध संबंधी यह निर्णय लिया गया है तथा भविष्य में इसका अनुकूल प्रभाव देखने को मिलेगा। इसके अतिरिक्त मत्स्य विभाग से मछली आयात का परमिट लेने के सभी नियमों को भी सख्त बनाया जाएगा।