आज समाज डिजिटल, First woman Loco Pilot of Kalka-Shimla Heritage Train : आज महिलाएं किसी भी फील्ड में पुरुषों से पीछे नहीं है। आपने महिलाओं को हवाई जहाज और फाइटर जेट उड़ाते देखा होगा। वहीं कुछ महिलाएं रेलवे में लोको पायलट भी बन चुकी है। इसी कड़ी में अब कालका-शिमला हैरिटेज रेल मार्ग पर चलने वाली ट्रेन को भी पहली महिला लोको पायलट मिली है।
यह गौरव दीप्ति मौंदेकर को प्राप्त हुआ है। 42 वर्षीय दीप्ति का जन्म छत्तीसगढ़ के रायपुर में हुआ। दीप्ति ने छत्तीसगढ़ से इलैक्ट्रिक इंजीनियरिंग की। वह शुरू से ही कुछ हटकर करना चाहती थीं। वह वर्ष 2006 में अंबाला रेलवे मंडल में पहली महिला लोको पायलट बनीं और जुलाई, 2020 में पदोन्नति पर नैरोगेज कालका-शिमला में 2 महीने की ट्रेनिंग लेकर कालका-शिमला मार्ग पर पहली लोको पायलट बनीं। दीप्ति ने आज की युवतियों को संदेश दिया कि महिलाएं अगर कुछ करने की ठान लें तो कोई कार्य मुश्किल नहीं होता, बस मन में कुछ कर गुजरने का जुनून होना चाहिए।
कालका से शिमला तक 19 स्टेशन
बता दें कि कालका से शिमला के बीच 19 स्टेशन आते हैं। इनमें कालका, टकसाल, गुम्मन, कोटी, जाबली, सनवारा, धर्मपुर, कुमारहट्टी, सोलन, सोलन ब्रूरी, सलोगड़ा, कंडाघाट, कनोह, कैथलीघाट, शोघी, तारादेवी, जतोग, समरहिल, शिमला आदि शामिल हैं।
2008 में मिला था विश्व धरोहर का दर्जा
कालका-शिमला रेललाइन के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए यूनेस्को ने जुलाई 2008 में इसे वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल किया था। कनोह रेलवे स्टेशन पर ऐतिहासिक आर्च गैलरी पुल 1898 में बना था। शिमला जाते यह पुल 64.76 किमी पर मौजूद है। आर्च शैली में निर्मित चार मंजिला पुल में 34 मेहराबें हैं। (Kalka-Shimla Heritage Train Loco pilot)
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