First Freedom Struggle is Being Built in Ambala 300 करोड़ रुपए की लागत से आज़ादी की पहली लड़ाई का स्मारक हो रहा है तैयार : मुख्यमंत्री

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First Freedom Struggle is Being Built in Ambala

First Freedom Struggle is Being Built in Ambala 300 करोड़ रुपए की लागत से आज़ादी की पहली लड़ाई का स्मारक हो रहा है तैयार : मुख्यमंत्री

आज समाज डिजिटल, चंण्डीगढ : 

First Freedom Struggle is Being Built in Ambala : मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा आगामी 24 अप्रैल को पानीपत में गुरु तेग बहादुर जी के 400 साला प्रकाश उत्सव मनाने का भी निर्णय लिया गया है। इसी प्रकार, अंबाला में 300 करोड़ रुपए की लागत से आज़ादी की पहली लड़ाई का शहीद स्मारक तैयार किया जा रहा है। इस अवसर पर मनोहर लाल ने पंजाब के हुसैनीवाला और जलियांवाला से लाई गई मिट्टी से स्वयं को तिलक किया और कहा कि यह मिट्टी नहीं है, यह पवित्रता का संदेश है।

शहीद भगत सिंह को आने वाली पीढ़ियां शताब्दियों तक याद रखेंगी : मनोहर लाल

मनोहर लाल ने कहा कि 23 मार्च एक तारीख नहीं है, यह एक कहानी है, शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु, एक विचारधारा हैं, एक जज्बा है’’। उन्होंने कहा कि भारत वर्ष पूरी दुनिया में मात्र एक ऐसा देश है जहां ऐसी गौरव गाथाएं सुनने को मिलती हैं। हमारे देश के क्रांतिकारियों ने देश को आजादी दिलवाने के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिये थे। ऐसे ही क्रांतिकारियों में भगत सिंह थे,(First Freedom Struggle is Being Built in Ambala)  जिन्होंने देश के प्रति अपने जीवन को समर्पित, त्याग और बलिदान कर दिया और हंसते-हंसते अंग्रेजी हुकूमत से लड़ते हुए फांसी पर झूल गए। उन्होंने कहा कि आज शहीद भगत सिंह की शहादत को 90 वर्ष हो चुके हैं लेकिन आने वाली पीढ़ियां शताब्दियों तक उनकी गौरव गाथाओं को याद रखेंगी।

18 सामुदायिक केन्द्रों का नाम शहीदों के नाम :  विधानसभा अध्यक्ष

इस अवसर पर संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि सेक्टर 7 में शहीद-ए-आजम भगत सिंह के नाम पर बनने वाले सामुदायिक केन्द्र का निर्माण लगभग सवा 5 करोड़ रुपए की राशि से किया जाएगा। (First Freedom Struggle is Being Built in Ambala)  उन्होंने कहा कि पंचकूला में सभी 18 सामुदायिक केन्द्रों का नाम शहीदों के नाम पर रखने का निर्णय लिया गया है और इसी कड़ी में सामुदायिक केन्द्र सेक्टर 17 का नाम शहीद लाला लाजपत राय के नाम और सेक्टर 21 सामुदायिक केन्द्र का नाम शहीद चंद्रशेखर आजाद के नाम पर रखा गया है।

इसके साथ यह भी निर्णय लिया गया है कि जिला के गांवों में स्थित सामुदायिक केन्द्रों का नाम उसी गांव के किसी एक शहीद के नाम पर रखा जाएगा ताकि आने वाली पीढ़ियां शहीदों के जीवन से प्रेरणा ले सकें। श्री गुप्ता ने कहा कि शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को केवल इसलिए (First Freedom Struggle is Being Built in Ambala)  फांसी दे दी गई क्योंकि उन्होंने देश को आजाद करवाने के लिए लड़ाई लड़ी। उन्होंने कहा कि लाखों क्रांतिकारियों ने देश को आज़ाद करवाने के लिए हंसते-हंसते अपने जीवन की कुर्बानी दे दी। श्री गुप्ता ने कहा कि आज वे उन वीर सैनिकों को भी सलाम करते हैं जो दिन-रात देश की सीमाओं की सुरक्षा कर रहे हैं ताकि हम सब चैन से यहां पर अपना जीवन बसर कर सकें।

वीरों के बलिदानों से प्रेरणा लेकर देश के नव निर्माण में अपनी भूमिका निभानी होगी  : कमल गुप्ता

शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि जो देश और समाज अपने गौरवशाली इतिहास के पूर्वजों को याद नहीं रखता, वह समाज तरक्की नहीं कर सकता। (First Freedom Struggle is Being Built in Ambala)  उन्होंने कहा कि आज के युवाओं को भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू, महारानी लक्ष्मी बाई, महाराणा प्रताप जैसे वीरों की गौरव गाथाओं से परिचित करवाने की आवश्यकता है ताकि वे ऐसे वीरों के बलिदानों से प्रेरणा लेकर देश के नव निर्माण में अपनी भूमिका निभा सकें।

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