रमेश पहाड़िया, सोलन:
First Farmer’s Organization of Mushroom Growers: सोलन जिला में खुम्ब उत्पादकों का प्रदेश का पहला कृषक उत्पादक संगठन बनाया जाएगा। नाबार्ड के महाप्रबंधक द्वारा खुम्ब अनुसंधान निदेशालय को इस सम्बन्ध में स्वीकृति पत्र सौंपा गया है। यह जानकारी नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड अशोक चौहान ने आज यहां दी। उन्होंने कहा कि नाबार्ड के महाप्रबंधक डॉ. बीआर प्रेमी द्वारा गत दिवस इस सम्बन्ध में जिला का दौरा किया गया।
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डॉ. वी पी शर्मा को परियोजना स्वीकृति पत्र सौंपा First Farmer’s Organization of Mushroom Growers
डॉ. बीआर प्रेमी द्वारा खुम्ब अनुसंधान निदेशालय के निदेशक डॉ. वी पी शर्मा को परियोजना स्वीकृति पत्र सौंपा गया है। अशोक चौहान ने कहा कि सोलन को ऐतिहासिक तौर पर मशरूम उत्पादन के लिए जाना जाता है। वर्तमान समय में मशरूम उत्पादकों द्वारा मशरूम उत्पादन का काम असंगठित तौर पर किया जाता है। इस कारण किसानों को अपनी उपज का सही मूल्य नहीं मिल पाता है। सोलन जिला में लगभग 3000 मीट्रिक टन से अधिक मशरूम उत्पादन होता है जिसमें से छोटे किसानों की संख्या अधिक है।
छोटे किसानों को भी मशरूम उत्पादन अपनाने की प्रेरणा मिलेगी First Farmer’s Organization of Mushroom Growers
डॉ. प्रेमी ने इस अवसर पर कहा कि इस परियोजना के अंतर्गत निदेशालय द्वारा आगामी 03 वर्षों में न केवल किसानों को संगठित करने की दिशा में काम किया जाएगा बल्कि उनके इस संगठन का औपचारिक रूप से किसान उत्पादक संगठन के तौर पर पंजीकरण भी करवाया जाएगा। संगठित होने से न केवल किसान अपने उत्पाद के सही मूल्य के लिए मोल-भाव कर सकेंगे बल्कि स्पान व कम्पोस्ट भी कम दामों पर अपने सदस्यों को उपलब्ध करवा सकेंगे तथा प्रसंस्करण की दिशा में भी कार्य कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि इससे अन्य छोटे किसानों को भी मशरूम उत्पादन को अपनाने की प्रेरणा मिलेगी।
प्रशिक्षुओं को कृषक उत्पादक संगठन की अवधारणा से करवाया अवगत First Farmer’s Organization of Mushroom Growers
महाप्रबंधक नाबार्ड ने खुम्ब अनुसंधान निदेशालय द्वारा कार्यान्वित किए गए प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित 60 प्रशिक्षुओं को भी संबोधित किया। प्रशिक्षुओं को कृषक उत्पादक संगठन की अवधारणा से अवगत करवाया गया तथा उनकी शंकाओं का भी समाधान किया गया। खुम्ब अनुसंधान निदेशालय के निदेशक डॉ. वीपी शर्मा ने किसानों को मशरूम उत्पादन के लिए प्रेरित किया। उन्होने कहा, कि मशरूम उत्पादन में बहुत अधिक भुजोत की आवश्यकता नहीं होती व सिचाई के लिए भी पानी की समस्या से भी नहीं जूझना पड़ता। मशरूम उत्पादन को अपनाकर निश्चय ही किसानों की आय दोगुनी हो सकती है। इस अवसर पर खुम्ब अनुसंधान निदेशालय से डॉ. बीएल अत्री, मुख्य तकनीकी अधिकारी शैलजा वर्मा सहित कई गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।