पिता भी थे तबला वादन के उस्ताद, वो ही बने जाकिर हुसैन के पहले गुरु
आज समाज, Ustad Zakir Hussain : उस्ताद जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ था। उनके पिता का नाम उस्ताद अल्लाह रक्खा कुरैशी और मां का नाम बीवी बेगम था। जाकिर के पिता अल्लाह रक्खा भी तबला वादक थे। जाकिर हुसैन की प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के माहिम स्थित सेंट माइकल स्कूल से हुई थी। एक इंट्रव्यू में उस्ताद जाकिर हुसैन ने बताया था कि जब वे 12 साल के थे तो उन्हें एक कार्यक्रम के दौरान तबला वादन करने के बाद 5 रुपए मिले थे जोकि उनके लिए हमेशा सबसे यादगार और कीमती पल रहा। उन्होंने बताया थ कि वे अपने पिता के साथ एक कॉन्सर्ट में गए थे। उस कॉन्सर्ट में संगीत की दुनिया के दिग्गज पहुंचे थे। जाकिर हुसैन अपने पिता के साथ स्टेज पर गए। परफॉर्मेंस खत्म होने के बाद जाकिर को 5 रुपए मिले थे।
भारतीय संगीत को दुनिया के कौने-कौने में पहुंचाया
संगीत की विरासत को रगों में संजोए जाकिर हुसैन देश के उन फनकारों में से एक थे जिन्होंने वैश्विक स्तर पर न सिर्फ भारतीय शास्त्रीय संगीत के सम्मान में चार चांद लगाए, बल्कि तालवाद्यों की दुनिया में तबले को प्रमुख स्थान भी दिलवाया। तबला वादन के साथ-साथ जाकिर हुसैन ने कुछ फिल्मों में भी काम किया। जाकिर हुसैन ने 1998 की एक फिल्म साज में भी काम किया था। इस फिल्म में उनके अपोजिट शबाना आजमी थीं। जाकिर हुसैन ने इस फिल्म में शबाना के प्रेमी का किरदार निभाया था।
इसके साथ ही उन्होंने फिल्म मुगल ए आजम (1960) में सलीम के छोटे भाई का रोल भी आॅफर हुआ था, लेकिन पिता को उस वक्त यह मंजूर नहीं था। वे चाहते थे कि उनका बेटा संगीत पर ही ध्यान दे। शशि कपूर के साथ हॉलीवुड मूवी में एक्टिंग की जाकिर हुसैन ने कुछ फिल्मों में एक्टिंग भी की है। उन्होंने 1983 की एक ब्रिटिश फिल्म हीट एंड डस्ट से डेब्यू किया था। इस फिल्म में शशि कपूर ने भी काम किया था।
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