गुइलेन-बैरे सिंड्रोम से पीड़ित मरीजों की संख्या हुई 101
Guillain Barre Syndrome (आज समाज) पुणे : महाराष्ट्र के पुणे में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम से पहली मौत होने की खबर सामने आई है। महाराष्ट्र के स्वास्थ विभाग इसकी पुष्टि की है। हालांकि मरने वाले के बारे कोई जानकारी सांझा नहीं की गई है। महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 26 जनवरी तक जीबीएस के 101 एक्टिव मरीज हैं। इसमें पुणे से 81 मरीज, पिंपरी चिंचवाड़ से 14 और 6 मरीज अन्य जिलों से हैं। इनमें 68 मेल और 33 फीमेल मरीज हैं। पुणे में 16 मरीज वेंटिलेटर पर हैं।
9 जनवरी को पहला केस आया था सामने
अमूमन महीने भर में जीबीएस के 2 मरीज ही सामने आते थे। अचानक ये नंबर बढ़ा है। घरों में सैंपल लिए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अब तक 25,578 घरों का सर्वे किया जा चुका है। पुणे में 9 जनवरी को अस्पताल में भर्ती मरीज जीबीएस पॉजिटिव आया था, ये पहला केस था। अब पुणे में एक्टिव केसों की संख्या 101 हो गई है। इनमें 19 मरीज 9 साल से कम उम्र के हैं। 50-80 साल की उम्र वाले 23 मरीज हैं।
एक इंजेक्शन की कीमत 20 हजार रुपए
जीबीएस का इलाज महंगा है। डॉक्टरों के मुताबिक मरीजों को आमतौर पर इम्युनोग्लोबुलिन इंजेक्शन के कोर्स करना होता है। निजी अस्पताल में इसके एक इंजेक्शन की कीमत 20 हजार रुपए है। पुणे के अस्पताल में भर्ती 68 साल के मरीज के परिजनों ने बताया कि इलाज के दौरान उनके मरीज को 13 इंजेक्शन लगाने पड़े थे।
जीबीएस से पीड़ित मरीजों को मिलेगा मुफ्त इलाज
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार ने जीबीएस मरीजों के मुफ्त इलाज की घोषणा की। उन्होंने कहा कि पिंपरी-चिंचवाड़ के लोगों का इलाज वीसीएम अस्पताल में होगा, जबकि पुणे नगर निगम क्षेत्र के मरीजों का इलाज कमला नेहरू अस्पताल में होगा। ग्रामीण क्षेत्रों की जनता के लिए पुणे के ससून अस्पताल में फ्री इलाज मिलेगा।
क्या है गुइलेन बैरी सिंड्रोम
गुइलेन बैरी सिंड्रोम एक दुर्लभ और गंभीर आॅटोइम्यून डिसआॅर्डर है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से परिधीय तंत्रिकाओं पर हमला करती है। इस हमले से नर्व्स में सूजन और क्षति होती है, जिसके कारण मांसपेशियों में कमजोरी, झुनझुनी, सुन्नता, और कई बार गंभीर मामलों में सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। इस बीमारी का सटीक कारण अभी तक ज्ञात नहीं है, लेकिन यह आमतौर पर किसी संक्रमण, जैसे वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के बाद विकसित हो सकती है। कई मामलों में फ्लू, डेंगू, या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण के बाद जीबीएस देखा गया है।
गुइलेन बैरी सिंड्रोम के लक्षण
गुइलेन बैरी सिंड्रोम के प्रमुख लक्षणों में मांसपेशियों में अचानक कमजोरी, खासकर पैरों और हाथों में झुनझुनी या सुन्नता शामिल हैं। रोगी को संतुलन बनाने में कठिनाई और चलने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। गंभीर मामलों में सांस लेने में दिक्कत, तेज दिल की धड़कन, और ब्लड प्रेशर में बदलाव भी देखने को मिलते हैं। यह लक्षण तेजी से बढ़ सकते हैं, जिससे स्थिति गंभीर हो सकती है।
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