जिला प्रशिक्षण अधिकारी हरमेश चंद ने बताया कि इस मशीनरी युग में प्राथमिक सहायता का अहम रोल है। किसी भी प्राकृतिक आपदा या दुर्घटना के दौरान यदि किसी दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को सही समय पर प्राथमिक सहायता मिल जाये, तो उसके जीवन को बचाया जा सकता है। एक अच्छा डाक्टर प्रत्येक स्थान पर उपलब्ध नहीं हो सकता, ऐसी परिस्थितियों में एक कुशल प्राथमिक सहायक दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को उपलब्ध संसांधनों के माध्यम से रोग को आगे बढऩे से रोकने में मददगार साबित हो सकता है और व्यक्ति के जीवन को बचा सकता है। उन्होंने कहा कि उद्योगों तैनात सभी सुरक्षा गार्डो को प्राथमिक सहायता का प्रशिक्षण लेना अनिवार्य है और अन्य कार्यरत स्टाफ में 30 प्रतिशत को प्राथमिक सहायता का प्रशिक्षण लेना अनिवार्य है।