हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने सुनाया फैसला
Mahendragarh News (आज समाज) महेंद्रगढ़: महेंद्रगढ़ के एक कॉलेज को बिजली कनेक्शन देने में देरी करनाल उपमंडल अधिकारी (एसडीओ) को महंगा पड़ गया। आवेदनकर्ता ने मामले की शिकायत हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग को की। आयोग ने एसडीओ की भूमिका रही असंतोष जाहिर करते हुए 3000 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि अनु यादव ने अपने भाई सुमित यादव की सहायता से आयोग से संपर्क किया और बताया कि दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) द्वारा लाइनों को स्थानांतरित करने का कार्य बहुत धीमा और विलम्बित है।
बिना किसी ठोस कारण के हुई देरी
मामले के तथ्यों पर विचार करने के बाद आयोग ने पाया कि काम अब पूरा हो गया है, लेकिन यह जिला प्रशासन के सहयोग व आयोग के हस्तक्षेप के बाद पूरा हुआ है। आयोग ने कहा कि काम पूरा होने में बिना किसी ठोस कारण के देरी हुई और इसे पहले पूरा किया जा सकता था। आयोग ने पाया कि एसडीओ हनुमान सिंह ने पुलिस बल की मदद से खुद लाइन को स्थानांतरित करने में सफल रहे। इसलिए, ड्यूटी मजिस्ट्रेट को बदलने के लिए उनका पहले का अनुरोध, जो पहले से ही उन्हें सौंपा गया था, अनुचित प्रतीत हुआ। यह कनेक्शन एक कॉलेज के लिए था और किसी भी देरी से इसकी सामान्य कार्यप्रणाली बाधित हो सकती थी।
राज्य के खजाने में जमा होगी जुर्माना राशि
आयोग ने कहा कि डीएचबीवीएन को ऐसी स्थितियों में अधिक सक्रिय और विचारशील दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। आयोग ने इस मामले में एसडीओ की भूमिका को असंतोषजनक बताया। महेंद्रगढ़ के अधीक्षण अभियंता को निर्देश दिए कि वे संबंधित एसडीओ के दिसंबर 2024 के वेतन से 3,000 रुपए जुर्माना राशि की कटौती सुनिश्चित करे, जिसका भुगतान जनवरी 2025 में किया जाए और इसे राज्य के खजाने में जमा करवाया जाएगा।
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