आज समाज डिजिटल, Financial Emergency in Pakistan : आर्थिक कंगाली से जूझ रहे पाकिस्तान की सच्चाई चीन की तरह धीरे धीरे बाहर आ रही है। पाकिस्तान में इन दिनों धन की इतनी कमी हो गई है कि अब वहां की सरकार भी हाथ खड़े कर रही है। पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि देश में वर्तमान वित्तीय आपदा और धन की भारी कमी के कारण आर्थिक आपातकाल के निर्देश जारी करना अनिवार्य हो गया है। वरना आने वाले समय में वित्तीय तबाही से जनता के वेतन में रुकावट की स्थिति पैदा हो सकती है।
वहीं कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान बिजनेस फोरम (पीबीएफ) ने कहा कि रुपये में लगातार गिरावट से देश में आर्थिक संकट गहरा रहा है। पीबीएफ के सीईओ अहमद जवाद ने एक बयान जारी कर कहा है कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के बहुप्रतीक्षित कार्यक्रम के फिर से शुरू होने के बावजूद पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में गिरावट जारी है। व्यापारियों के दर्द को कम करने और उद्योगों को बचाने के लिए वित्त मंत्री इशाक डार को रुपये पर एक स्पष्ट नीति की घोषणा करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि उच्च मुद्रास्फीति, बेरोजगारी और कम लाभप्रदता व्यवसाय समुदाय को लगातार परेशान कर रही है और सरकार ने निर्यातकों को दी गई अपनी बिजली रियायत को वापस ले लिया है और जनवरी 2023 तक पेट्रोल और डीजल पर लेवी को बढ़ाकर 50 रुपये प्रति लीटर करने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि सरकार जीएसटी लगाने पर भी विचार कर रही है।
चीन ने अपने ऋण जाल में फंसाया
आर्थिक विशेषज्ञों की माने तो पाकिस्तान की इस हालत के लिए चीन का ऋण जाल जिम्मेदार है।आर्थिक विशेषज्ञों पाक ने सरकार को गैर जरूरी रक्षा खर्च घटाने, 1600 सीसी से अधिक क्षमता वाले वाहनों पर इमरजेंसी टैक्स लगाने, बिजली शुल्क दो गुना करने और आठ सौ वर्ग गज से अधिक के आवासीय जायदाद पर कर लगाने की सलाह भी शाहबाज शरीफ सरकार को दी है।
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पाकिस्तानी सरकार ने जारी किए ये निर्देश
- शहर/नगर/गाँव से कार्यालयीन कार्य के लिए बाहर जाने वाले कर्मचारियों को नियमानुसार दो DAS दिए जाएँ।
- अधिकारियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले सभी सरकारी वाहनों को प्रति माह 120 लीटर से अधिक ईंधन नहीं दिया जाना चाहिए और स्थायी लॉक बुक का उपयोग अनिवार्य किया जाना चाहिए।
- सरकारी कर्मचारी तुरंत ग्रेड 11 से 21 तक के कर्मचारियों को देश की वित्तीय संकट तक किसी भी चिकित्सा बिल का भुगतान करने से बचें।
- उनके ग्रेड और एक डीए से घटाकर सभी के वेतन से 25% से अधिक के सभी भत्तों को हटाकर वित्तीय कठिनाई को विनियमित करें।
- देश के ग्रेड 11 से 21 तक के कर्मचारियों के वेतन में कोई वृद्धि नहीं होनी चाहिए।
- संस्थाओं/संगठनों/स्वायत्त निकायों में कम वित्तीय संसाधनों वाले कर्मचारियों से पूरा काम लेने की नीति अपनाई जाए।
- ग्रेड 7 से 21 तक के सभी स्थायी कर्मचारियों की पेंशन समाप्त करने के संबंध में नीति जारी की जाएगी।
- वेतन के साथ अध्ययन अवकाश देने की पहल को तत्काल बंद किया जाए।
- ग्रेड 7 से 21 तक के सभी स्थायी कर्मचारियों को उनके संबंधित पोर्टफोलियो में वार्षिक प्रगति और प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए वार्षिक वेतन वृद्धि दी जानी चाहिए।
- सरकारी निर्देश को अनुसार इस विभाग द्वारा जल्द ही और जुलाई 2023 से इसे लागू करने के लिए एक रणनीति तैयार की जाएगी। हालांकि, जुलाई 2018 से पहले भर्ती होने वाले कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा ।
- ग्रेड 17 से 21 तक के सभी नियमित कर्मचारियों का अवकाश नकदीकरण तुरंत रोका जाए। कर्मचारियों को 50% वेतन की कटौती के साथ दंडित किया जाना चाहिए और अन्य विशेषाधिकारों पर रोक लगाई जाए।
- सरकारी कर्मचारियों को किसी भी प्रकार का बोनस या मानदेय देने की प्रथा पर तत्काल पूर्ण रूप से रोक लगाई जाए।
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