नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार की शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने के लिए काम जारी है। उपभोगता को बढ़ावा देने की जरूरत पर जोर देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कई अन्य उपायों पर चर्चा चल रही है और आने वाले हफ्तों में इनकी घोषणा की जाएगी। उन्होंने दोहराया कि अवसंरचना पर व्यय बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता है। बैंकों ने लोगों के हितों में फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि चार एनबीएफसी लिक्विडिटी मामले पर काम शुरू हो चुका है। वित्तमंत्री ने कहा कि 250 करोड़ से ज्यादा के लोन में सरकार की नजर बनी रहेगी। उन्होंने दोहराया कि अवसंरचना पर व्यय बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता है। इस मौके पर वित्तमंत्री ने बड़ा एलान करते हुए कहा कि बैंकों का विलय किया जा रहा है।
पीएनबी, यूनाइटेड बैंक और ओबीसी का एक साथ विलय होगा। वित्तमंत्री ने कहा कि इसे सार्वजनिक क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा बैंक बनाया जाएगा, जिसका वित्तीय कारोबार 17.95 लाख करोड़ का होगा। केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार को लेकर सरकार ने कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि 3 लाख फर्जी कंपनियां बंद की गईं। बड़े कर्ज पर निगरानी संकेत समिति बनेगी। 250 करोड़ से ज्यादा के लोन पर सरकार की पैनी नजर रहेगी जिसकी वजह से नीरव मोदी जैसे मामले न हों। कम वक्त में ज्यादा लोन की स्कीम जारी रहेगी। नीरव मोदी जैसे मामले रोकने को सतर्कता बरती जाएगी। निर्मला सीतारमण ने इस अवसर पर कहा कि एनपीए में कमी आई है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि तीन लाख फर्जी कंपनियां बंद हो चुकी हैं ंऔर चार एनबीएफसी लिक्विडिटी मामले पर काम शुरू हो चुका है।
– पीएनबी, ओबीसी और यूनाइटेड बैंक।
– इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक।
– यूनियन बैंक आफ इंडिया, आंध्रा बैंक और कारपोरेशन बैंक।
– केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक।
सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पहले 27 पब्लिक सेक्टर बैंक थे अब 12 होंगे।