आज समाज डिजिटल, Fifa World Cup Trophy Interested Facts : वैसे ताे आज के दौर में क्रिकेट दुनिया का लोकप्रिय लेकिन दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में आज भी फुटबॉल का ही रोमांच देखा जाता है। वहीं 20 नवम्बर से फुटबॉल का सबसे बड़ा महाकुंभ FIFA वर्ल्ड कप शुरू हो चुका है। 4 साल बाद होने वाला यह FIFA वर्ल्ड कप इस बार कतर में हो रहा है जिसमें दुनिया की 32 टीमें यह ट्रॉफी लेने के लिए दिन रात एक कर रही है।
लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं कि फीफा वर्ल्ड कप ट्रॉफी से संबंधित कुछ ऐसी रोमांचक और अनसुनी बातें जिन्हें जानकर आप चौंक जाएंगे। आइए जानते हैं कि FIFA वर्ल्ड कप ट्रॉफी के बारे में-
18 कैरेट सोने से बनी हाेती है FIFA वर्ल्ड कप
फीफा वर्ल्ड कप की ट्रॉफी अंतरराष्ट्रीय खेलों की सबसे महंगी ट्रॉफी मानी जाती है। इसमें 18 कैरेट सोने का इस्तेमाल किया गया है। साल 2018 में यूएसए टुडे ने अनुमान लगाया था कि ट्रॉफी की कीमत 20 मिलियन डॉलर होगी। इस ट्रॉफी की लंबाई 36.5 सेमी होती है। ट्रॉफी को बनाने में 6.175 किलोग्राम 18 कैरेट गोल्ड का इस्तेमाल हुआ था। ट्रॉफी के गोलाकार बेस का व्यास 13 सेमी होता है, उसी बेस पर ‘FIFA World Cup‘ उकेरा गया है। ट्रॉफी अंदर से खोखली होती है।
इस ट्रॉफी के डिजाइन को लेकर कई तरह प्रस्ताव आए थे। 53 मॉडल में से इटली के कलाकार सिल्वियो गाजानिगा का डिजाइन पसंद आया था। उन्हें ही ट्रॉफी बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
मौजूदा ट्रॉफी में दो इंसान की आकृति
फीफा वर्ल्ड कप की मौजूदा ट्रॉफी में दो इंसान की आकृति बनाई गई हैं जो अपने हाथों में पृथ्वी को उठाए हुए हैं। इस ट्राफी को एक फ्रांसीसी मूर्तिकार ने डिजाइन किया था जिसका नाम एबेल लाफलेउर था। हालांकि फीफा वर्ल्ड कप की पुरानी ट्रॉफी का नाम Jules Rimet Trophy था।
इसमें ग्रीक देवी नाइके की मूर्ति बनाई गई थी। इस ट्राफी को फ्रांस के मूर्तिकार एबेल लाफलेउर ने डिज़ाइन किया था। जबकि फीफा वर्ल्ड कप की मौजूदा ट्रॉफी गोल्ड प्लेटेड स्टर्लिंग सिल्वर से बनाया गया है जिसमें लेपिस लजूली नामके बेशकीमती पत्थर को जड़ा गया है। मौजूदा ट्राफी के निचले हिस्से के चारों ओर सोने की प्लेट लगाई गई हैं जिन पर विजेता देशों का नाम दर्ज होता है।
एक बार चोरी हो चुकी है फीफा ट्रॉफी
1966 में जब इंग्लैंड फीफा वर्ल्ड कप की मेजबानी कर रहा था उस समय फीफा वर्ल्ड कप की पुरानी Jules Rimet Trophy चोरी हो गई थी। उस समय इस ट्राफी की कीमत तकरीबन 30,000 पाउंड थी। 20 मार्च 1966 को इंग्लैंड में इसे चोरों ने चुरा लिया।
इस घटना के बाद तमाम पुलिस एजेंसियां और दुनियां भर के लोग इसे ढूंढने में लग गए। एक दिन थेम्स लाइटरमैन डेविड कॉर्बेट लंदन के बेउला हिल शहर में अपने कुत्ते के साथ सैर करने निकले थे। इसी दौरान कार्बेट को किसी काम से टेलीफोन बूथ पर जाना पड़ा और उसके कुत्ते ने एक कार के नीचे अखबार और तारों से लिपटा हुआ पैकेट देखा पैकेट सुनने के बाद कुत्ता कार्बेट के पास आया और उसे सामान तक ले गया।
विजेता टीम को मिलती है ट्रॉफी की Replica
फीफा वर्ल्ड कप विजेता (Fifa World Cup Winner) टीम को असली ट्रॉफी नहीं मिलती है। हालांकि 1930-1970 तक फुटबॉल वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम को जूल्स रिमेट ट्रॉफी दिया जाता था। लेकिन अब नई ट्रॉफी के लिए नियम अलग है। कोई भी टीम असली ट्रॉफी को नहीं जीत सकती। विजेता टीम को असली ट्रॉफी की जगह फीफा वर्ल्ड कप ट्रॉफी की Replica यानी उसी के जैसी दिखने वाली गोल्ड प्लेटेड कांस्य की ट्रॉफी दी जाती है।
स्विट्ज़रलैंड में है फीफा का मुख्यालय
फीफा का मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड की राजधानी ज्यूरिख में है। कुछ खास मौकों को छोड़कर फीफा वर्ल्ड कप ट्रॉफी ज्यूरिख स्थित मुख्यालय में कड़ी सुरक्षा के बीच रखा रहता है। असल ट्रॉफी कुछ औपचारिक मौकों पर ही देखने को मिलती है, जैसे- ट्रॉफी टूर, वर्ल्ड कप का फाइनल मुकाबला आदि। असली ट्रॉफी को कुछ खास लोग ही छू सकते हैं, उन खास लोगों में राष्ट्र प्रमुख और पूर्व वर्ल्ड कप विजेता शामिल हैं।
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