नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप मामले में निर्भया के माता-पिता जल्द से जल्द दोषियों को सजा दिलाना चाहते हैं। चारों दोषियों के खिलाफ दिल्ली की अदालत ने डेथ वारंट जारी कर दिया है। नए डेथ वारंट के हिसाब से 1 फरवरी 2020, शनिवार को सुबह छह बजे चारों दोषियों अक्षय, विनय, मुकेश और पवन को सुबह छह बजे फांसी होनी है। इसके पहले अदालत ने 22 जनवरी की तारीख का डेथ वारंट इशू किया था। लेकिन दोषियों कुछ मामले लंबित होने के कारण इसे कैंसिल कर दूसरा डेथ वारंट जारी कर दिया गया। अब चूंकि तारीख नजदीक है तो ऐसे में तिहाड़ जेल के अंदर फांसी से पहले होने वाली प्रक्रियाएं तेज हो गई हैं। सूत्रों की मानें तो जेल प्रशासन ने दोषियों से उनकी आखिरी इच्छा की जानकारी मांगी है। जेल सूत्रों का कहना है कि तिहाड़ प्रशासन ने चारों गुनहगारों को नोटिस देकर उनकी आखिरी इच्छा पूछी है। उन्होंने पूछा है कि एक फरवरी को होने वाली फांसी से पहले वह आखिरी बार किससे मिलना चाहते हैं? गुनहगारों से नोटिस में ये भी पूछा गया है कि अगर उनके नाम कोई प्रॉपर्टी है तो फांसी से पहले वो उसे किसके नाम करना चाहते हैं? या फिर उन्हें किसी धार्मिक किताब को पढ़ना हो या फिर किसी धर्मगुरु से मिलने की इच्छा हो तो जेल प्रशासन इसमें उनकी मदद कर सकता है। बताया जा रहा है कि अब तक दोषियों की ओर से इसका कोई जवाब नहीं आया है। सूत्रों की माने तो फांसी से पहले यह चारों बेचैन हैं और फांसी के डर से इनमें से एक विनय खाना नहीं खा रहा। हालांकि सूत्रों ने बताया कि दो दिन तक विनय ने खाना नहीं खाया। लेकिन बुधवार को उसे बार-बार खाना दिया गया तो उसने थोड़ा सा खाना खा लिया। हालांकि फांसी की तारीख नजदीक आने पर भी मुकेश और अक्षय पर कोई खास प्रभाव नहीं दिख रहा है। इन दोनों को न तो खाना छोड़ते न ही कम करते पाया गया है। वहीं पवन की खुराक कुछ कम जरूर हो गई है। चारों दोषियों में से केवल मुकेश ही है जिसने अपने सभी विकल्पों का इस्तेमाल कर लिया है और आखिरी विकल्प राष्ट्रपति के पास दया याचिका भी भेज चुका है जो रिजक्ट हो गई थी। विनय के पास दया याचिका का रास्ता बचा है। अगर बात करें अक्षय और पवन की तो उन्होंने अब तक क्यूरेटिव पिटीशन दायर नहीं की है।