Fiber rich diet: अगर आपकी बॉडी देती है ये सकेंत आपको आहार में ज्यादा फाइबर शामिल करने की है जरूरत

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Fiber rich diet

Fiber rich diet: रोजमर्रा के जीवन में शरीर को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अधिकतर लोग दवाओं या फिर कुछ घरेलू नुस्खों की मदद से सर्दी, खांसी, पेट दर्द और मोटापे (obesity) को कम करने का प्रयास करते हैं। मगर आहार में सामान्य परिवर्तन लाकर शरीर को स्वस्थ और हेल्दी रखने में मदद मिलती है। दरअसल, फाइबर से भरपूर आहार  न केवल डाइजेशन को बूस्ट करता है बल्कि वेटलॉस (weight loss) में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। ऐसे में आहार में फाइबर को शामिल करना बेहद फायदेमंद है। जानते हैं वो संकेत हैं, जो इस बात को दर्शाते हैं कि आपके शरीर को है फाइबर की आवश्यकता

आहार में कितनी मात्रा में फाइबर को करें शामिल

हार्वर्ड हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार 19 से 50 साल की उम्र के पुरूषों को दिन में 31 से 34 ग्राम और महिलाओं को 25 से 28 ग्राम फाइबर की आवश्यकता होती है। वहीं 50 साल से ज्यादा उम्र के पुरूषों को 28 और महिलाओं को 22 ग्राम फाइबर का सेवन करना चाहिए।

इन संकेतों से जानें कि आपके शरीर में है फाइबर की कमी

1. कब्ज की समस्या

इनसॉल्यूबल फाइबर की मदद से पाचन तंत्र को मज़बूती मिलती है। फाइबर रिच डाइट (fiber rich diet) के सेवन से आहार को आसानी से डाइजेस्टिव ट्रैक (digestive tract) तक पहुंचाया जाता है, जिससे कब्ज की शिकायत दूर हो जाती है। इनसॉल्यूबल फाइबर (insoluble fiber) को अपनी मील में शामिल करने के लिए साबुत अनाज, सब्जियां, व्हीट ब्रान और फलियों का सेवन करें। फाइबर रिच फूड्स में घुलनशील और अघुलनशील फाइबर दोनों होते हैं, जो शरीर के लिए आवश्यक है।

2. ब्लड शुगर में उतार चढ़ाव का आना

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार अपनी डाइट में फाइबर की मात्रा को बढ़ाकर कार्ब्स के एबजॉर्बशन को स्लो किया जा सकता है, जिससे ब्लड में शुगर स्पाइक कास खतरा कम होने लगता है। इससे बार बार भूख लगने की समस्या हल हो जाती है और ओवरइटिंग (overeating) को रोका जा सकता है। सॉल्यूबल फाइबर की मदद से ब्लड शुगर को मैनेज किया जा सकता है। इसके लिए आहार में ओटमील, नट्स, लेग्यूम्स, फल और सब्जियों को शामिल करे।

3. शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना

घुलनशील फाइबर को आहार में शामिल करके कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिलती है। इससे ब्लड में एलडीएल यानि बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम किया जा सकता हैं। फल और सब्जियों को मील में शामिल करके इस समस्या से बचा जा सकता है। केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी के अनुसार फाइबर के सेवन से बाइल कोलेस्ट्रॉल के साथ बाइंड हो जाता है। शरीर में ज्यादा बाइल से कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ने से रोका जाता है और शरीर में फैट स्टोरेज को रिवर्स किया जा सकता है।

4. लूज मोशन की समस्या

लूज और वॉटरी स्टूल की समस्या को दूर करने के लिए फाइबर का सेवन कारगर साबित होता है। हाई फाइबर डाइट से बॉवल मूवमेंट नियमित बना रहता है और बवासीर के खतरे से बचा जा सकता है। सॉल्यूबल फाइबर आंत में देर तक रहता है, जिससे कोलन के कार्य को नियमित बनाए रखता है। इस दौरान हेल्दी फैट डाइट और डेयरी प्रोड्क्टस से दूर रहें। अपने आहार में फलों और सब्जियों को शामिल करें।

5. ओवरवेट

अनहेल्दी लाइफस्टाइल और अनियमित डाइट वेटगेन की समस्या का कारण साबित होते है। शरीर को वेटगेन से बचाने के लिए रूटीन में छोटी मील्स लें और फाइबर इनटेक का बढ़ा दें। इससे डाइजेस्टिव हेल्थ इंप्रूव होती है और गट हेल्थ बूस्ट होती है। हाई फाइबर फलों और सब्जियों से शरीर में कैलोरी स्टोरेज रूक जाता है और डाइजेशन की धीमी गति वेटगेन (weight gain) से बचाने में मदद करती है।