Aaj Samaj (आज समाज),Festival of Rakshabandhan,नई दिल्ली : हिंदू धर्म में रक्षाबंधन का त्योहार बहुत ही पवित्र माना जाता है क्योंकि यह भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक होता है। रक्षा करने और करवाने के लिए बांधा गया यह पवित्र धागा रक्षाबंधन का कहलाता है। यह पवित्र त्योहार श्रावण महीने की पूर्णिमा वाले दिन मनाया जाता है। भाई के कलाई पर राखी बांधकर बहनें उनसे पूरी उम्र रक्षा करने का वचन लेती हैं। लेकिन हर साल की तरह इस बार भी सभी को राखी की डेट को लेकर कंफ्यूजन है। तो चलिए आपको बताते हैं कि इस बार रक्षाबंधन किस दिन मनाया जाएगा…
शुभ मुहूर्त
30 अगस्त को पूर्णिमा तिथि के साथ भद्रा शुरु हो जाएगी। शास्त्रों में भद्रा काल में कोई शुभ काम करना अच्छा नहीं माना जाता है। 30 अगस्त को भद्रा काल रात 09:02 तक रहेगी। ऐसे में इसके बाद आप राखी बांध सकते हैं। दोपहर का समय भी राखी बांधने के लिए शुभ होता है। 30 अगस्त के दिन भद्रा पड़ने के कारण राखी बंधने का शुभ मुहूर्त सुबह नहीं होगा। अगले दिन 31 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा सुबह 07:05 मिनट तक है और इस दौरान भद्रा का साया भी नहीं है। ऐसे में 31 को आप सुबह-सुबह राखी बांध सकती हैं।
कैसे करें रक्षाबंधन की पूजा?
रक्षाबंधन वाले दिन भाई-बहन सुबह उठकर स्नान करें। इसके बाद साफ कपड़े पहनकर सूर्य देवता को जल अर्पित करें इसके बाद घर के मंदिर में जाकर पूजा करें। भगवान की आराधना करनेके बाद राखी बांधने की सामग्री इकट्ठी कर लें। इसके बाद मुख्य रुप से चांदी, पीतल, तांबे या फिर स्टील की थाली लें और उसे साफ करके एक सुंदर कपड़ा बिछा दें। इस थाली में एक कलश, नारियल, सुपारी, कलावा, रोली, चंदन, चावल, दही, राखी और मिठाई रखें। सामग्री को अच्छी तरह रखने के बाद एक घी का दीया जलाएं। यह थाली पहले घर के मंदिर में रखें और इसमें से एक राखी भगवान कृष्ण और प्रथम पूजनीय गणेश जी को चढ़ाएं।
इसके बाद शुभ मुहूर्त पर पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर मुंह करके अपने भाई को बिठाएं। इसके बाद अपने भाई को तिलक लगाएं। तिलक लगाने के बाद भाई की कलाई में राखी बांधें और उसकी आरती करें। आरती करने के बाद मुंह मीठा करवाएं। राखी बांधते समय इस बात का ध्यान रखें कि आपके और भाई का सिर ढका हुआ हो। रक्षा सूत्र बंधवाने के बाद माता-पिता और घर में मौजूद बाकी सदस्यों का आशीर्वाद लें।
इन बातों का रखें ध्यान
. रक्षा बंधन वाले दिन भाई को राखी बांधते हुए मुहूर्त का ध्यान जरुर रखें।
. इसके अलावा राखी बांधते समय भाई या फिर बहन का मूंह दक्षिण दिशा में नहीं होना चाहिए क्योंकि दक्षिण दिशा यम की दिशा मानी जाती है। इस दिशा की ओर मुंह करके कोई भी शुभ काम करने से व्यक्ति की आयु कम होती है।
. राखी वाले दिन भाई को तिलक लगाने के लिए चंदन या फिर रोली का इस्तेमाल करें लेकिन सिंदूर का इस्तेमाल न करें क्योंकि यह सुहाग की निशानी माना जाता है।
. भाई की आरती के दौरान यह ध्यान रखें कि थाली में रखा दीपक टूटा-फूटा न हो।
. इसके अलावा भाई की पूजा सामग्री में इस्तेमाल होने वाले चावल के दाने भी टूटे हुए न हो।
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