Aaj Samaj (आज समाज), Festival Of Ideas, नई दिल्ली: ITV नेटवर्क की तरफ से 24 और 25 अगस्त, 2023 को देश की राजधानी दिल्ली में फेस्टिवल ऑफ आइडियाज (Festival Of Ideas) कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। इसमें देश के तमाम क्षेत्रों के दिग्गज लोग अपने विचारों को देश की जनता के साथ साझा करे रहे है। साथ ही लोगों के सवालों का जवाब भी दे रहे है। इसी कड़ी में लेखक का एक ग्रूप चर्चा में शामिल हुआ। संजय गारू, साशिद किदवई और नीरजा चौधरी ने अपने लिखी हुई पुस्तकों के बारे में बताया। सुहैल सेठ ने इस सत्र का संचालन किया। ‘नेता कैसे तय करते है’ इस मुद्दे पर इन सभी लोगों ने चर्चा की।
नरेंद्र मोदी पर किताब लिखना चाहती हूं : नीरजा
नीरजा चौधरी ने अपने नए किताब ‘प्रधानमंत्री कैसे तय करते है’ पर कहा कि मैंने वर्ष तक राजनीतिक को कवर किया है। इस समय फैसले कैसे लिए गए, यह आम जनता को नहीं बताया गया, लोगों को पता चले इसलिए मैंने यह किताब लिखी है। नरेंद्र मोदी पर किताब क्यों नहीं लिखा इस पर नीरजा चौधरी ने कहा कि मैं नरेंद्र मोदी पर किताब लिखना चाहती हूं, मैंन एक कच्चा ड्राफ्ट भी तैयार कर लिया है।
प्रधानमंत्री के साथ न्याय नहीं करूगी
इसके बाद मैं इस नतीजे पर पहुंची की मैं वर्तमान प्रधानमंत्री के साथ न्याय नहीं करूगी क्योंकि जो दूसरे प्रधानमंत्रियों के बारे में मुझे अंदरूनी जानकारी थी वह वर्तमान पीएम के बारे में नहीं है, इसलिए मैनें इस भविष्य के लिए छोड़ दिया है।
‘पीएमज’ की वफादारी पर सवाल नहीं उठाया जा सकता
यह पूछे जाने पर की आपने कांग्रेस के ऊपर इतनी किताबें क्यों लिखी? रशिद किदवई ने कहा हमारे वर्तनाम और भविष्य की पीढ़ियों को पता होना चाहिए की हमारे 14 प्रधानमंत्री थे, किसी को कम समय मिला किसी को ज्यादा समय मिला। पर देश के प्रति उनकी वफादारी पर सवाल नहीं उठाया जा सकता।
इंडिया पावर एलिट नाम की पुस्तक लिखी
संजय बारू ने कहा कि यहां वह अपने नई किताब पर बात करना चाहते है। इंडिया पावर एलिट नाम की पुस्तक उन्होंने लिखा है। संजय बारू में कहा कि आज दिल्ली दरबार बदल गया है। दरबारी आते है, जाते है पर दरबार चलता रहता है।
राहुल अब वो नहीं रहे जो एक साल पहले थे
वही नीरजा चौधरी ने कहा कि राहुल अब वो नहीं रहे जो एक साल पहले थे, भारत जोड़ो यात्रा ने उनकी प्रोफाइल बदल दी है। वह साहसी हैं, ईमानदार लगते हैं लेकिन मुझे नहीं पता कि उनके पास भारत पर शासन करने के लिए क्या जरूरी है?
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