Festival Of Ideas: आज का समय राष्ट्र पुनर्जागरण का : उदय माहुरकर

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Festival Of Ideas
आज का समय राष्ट्र पुनर्जागरण का : उदय माहुरकर

Aaj Samaj (आज समाज), Festival Of Ideas, नई दिल्ली: आईटीवी नेटवर्क की ओर से 24 और 25 अगस्त, 2023 को देश की राजधानी दिल्ली में फेस्टिवल आफ आइडियाज कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है और इसमें देश के तमाम क्षेत्रों से दिग्गज हस्तियां अपने विचार देश की जनता के साथ साझा करे रही हैं। साथ ही ये दिग्गज लोगों के सवालों का जवाब भी दे रहे हैं।

9 सालों में जो हुआ वह 60 सालों में भी नहीं हुआ

इसी कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, और सूचना आयुक्त उदय माहूरकर और TDXs स्पीकर संजीव चोपड़ा शामिल हुए। दोनों लोगों ने न्यूजएक्स की पत्रकार देविका चोपड़ा से बातचीत की। यह पूछे जानें पर की भारत का विचार कैसे बदल रहा है। उदय माहूरकर ने कहा कि अगर आप पिछले 9 सालों में देखेंगे तो जो वह शायद 60 सालों में भी नहीं हुआ।

भारत के संतों ने एक नींव रही थी

श्री माहूरकर ने कहा कि कोई भी फील्ड में देंखे। चंद्रयान-3 अभी नया है। मैं यह नहीं कहता की यह चीजें पहले नहीं हुई लेकिन इस दौर को मैं राष्ट्र पुनर्जागरण में रूप में देख रहा है। इस दौर को 1947 के बाद ही शुरू हो जाना चाहिए था। लेकिन उनकी हत्या के बाद ऐसा लोगों के पास सत्ता रही जिन्हें इस देश की समाज पर विश्वास नहीं था। और कभी-कभी वह देश के समाज के खिलाफ भी थे। भारत के संतों ने एक नींव रही थी।

मध्यकाल के दौरान हजारों मंदिर तोड़े गए

उदय माहूरकर ने कहा, जरा सोचिए मध्यकाल के दौरान हजारों मंदिर तोड़े गए। फिर अल्पसंख्यकों की त?फ से इस देश पर विभाजन सौंपा गया। यहां तक की बहुसंख्यक समाज के तीन जगह- अयोध्या, मथूरा और काशी यह भी पूरी तरफ से आज हमें नहीं मिले है। Secularism एक तरफा नहीं होता। 2014 के बाद से हर चीज में सुधार हुआ है।

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